Darbhanga News: अग्नि की लपटें जब विकराल रूप धारण करती हैं, तो न केवल विनाश का तांडव रचती हैं, बल्कि आसपास के लोगों में भी खौफ पैदा कर देती हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति बीते गुरुवार शाम दरभंगा के बहादुरपुर थाना क्षेत्र में देखने को मिली, जहां एक जलमार्ग बांध पर रखे गैस पाइप के बंडलों में भीषण आग लग गई।
Darbhanga News: बरहेता में भीषण अग्निकांड
दरभंगा के बहादुरपुर थाना अंतर्गत बरहेता गाँव में गुरुवार की शाम एक बड़ी घटना घटित हुई, जब जलमार्ग बांध पर रखे गैस पाइपों के कई बंडलों में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटें इतनी तेज हो गईं कि दूर से भी उठते धुएँ का गुबार और आग की तपिश महसूस की जा सकती थी। स्थानीय निवासियों ने दहशत के कारण आग के करीब जाने की हिम्मत नहीं जुटाई। प्रारंभिक सूचना खराजपुर पंचायत के उप मुखिया पति सोनू कुमार मंडल ने बहादुरपुर थाने को दी। सूचना मिलते ही थाना की फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि छोटे दमकल से उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया। आग पर नियंत्रण पाने के लिए आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बाद में, अग्निशमन स्टेशन को सूचित किया गया और बड़ी दमकल गाड़ियां बुलाई गईं। कड़ी मशक्कत के बाद, अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पाकर उसे पूरी तरह से बुझाया। ज्ञात हो कि शहर के अगल-बगल समेत कई जगहों पर गैस पाइपलाइन बिछाने का कार्य चल रहा है, जिसके लिए ये मोटे पाइप वाटरवेज बांध पर रखे गए थे। इस घटना में कितने बंडल पाइप जले हैं, इसकी सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। बिहार की लगातार ख़बरें यहां पढ़ें
आग लगने का संभावित कारण
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस भीषण आग का अनुमानित कारण किसी अज्ञात युवक द्वारा सिगरेट पीने के बाद लापरवाही से फेंकी गई जलती हुई सिगरेट बताई जा रही है। माना जा रहा है कि सिगरेट की चिंगारी पाइपों पर लपेटे गए प्लास्टिक और बोरे पर गिरी, जिससे आग तेजी से फैल गई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जिले में गैस पाइपलाइन परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में पाइपों का जलना निश्चित रूप से परियोजना को प्रभावित करेगा।
पुलिस की जांच और नुकसान का आकलन
बहादुरपुर थानाध्यक्ष प्रसुंजय कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही अग्निशमन दस्ते को तुरंत मौके पर भेज दिया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जले हुए पाइपों की संख्या के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। थानाध्यक्ष के मुताबिक, संवेदक (ठेकेदार) द्वारा विधिवत आवेदन दिए जाने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि वास्तव में कितने बंडल पाइप जले हैं और कितना नुकसान हुआ है। यह घटना कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रोटोकॉल और कर्मचारियों व स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। यह जानकारी आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


