
दरभंगा के जाले में आग का तांडव। धमाद गांव में भीषण आग, गाय का घर राख – मेला जा रहे लोगों ने बचाई जान। आग से जली गोशाला, गाय की वाछी और बकरियां झुलसीं।धमाद गांव में मेला जाते लोगों ने देखी भीषण आग! मौके पर पहुंच बचाई गाय की जान। रात में लगी आग से गांव में हड़कंप! झुलसी गाय की वाछी और दो बकरियां, इलाज जारी।ग्रामीणों ने बहादुरी से बचाई गाय की जान@जाले-दरभंगा देशज टाइम्स।
जाले के धमाद गांव में आग से पशुशाला खाक, एक गाय की वाछी व दो बकरियां झुलसीं
जाले, दरभंगा, देशज टाइम्स। प्रखंड के देउरा-बंधौली पंचायत अंतर्गत धमाद गांव में 10 सितंबर की रात अचानक आग लगने से बड़ा हादसा टल गया। आग परमेश्वर राम के पुत्र गुड्डू राम के गाय-घर (पशुशाला) में लगी, जिससे पूरा पशुशाला जलकर खाक हो गया। घटना में एक गाय की वाछी और दो बकरियां बुरी तरह झुलस गईं।
ग्रामीणों की सजगता से बची बड़ी दुर्घटना
धमाद गांव में आयोजित इंद्रपूजा मेला में जा रहे श्रद्धालुओं ने अचानक उठती लपटें देखीं। उन्होंने तुरंत शोर मचाया, जिसके बाद दर्जनों ग्रामीण मौके पर दौड़े। ग्रामीणों ने मिलकर पानी और बालू डालकर आग पर काबू पाया। स्थानीय युवकों ने तेजी दिखाते हुए बंधी हुई गाय की रस्सी खोली और बाहर निकाल दिया। अगर समय पर ग्रामीण मदद नहीं करते तो और भी बड़े नुकसान की संभावना थी।
आग से हुआ नुकसान
पशुशाला (गाय-घर) पूरी तरह जलकर खाक। एक गाय की वाछी झुलस गई। दो बकरियां घायल हो गईं। घर में रखा चारा और कुछ घरेलू सामान भी जलकर राख हो गया।
घायलों का इलाज जारी
घटना में झुलसे पशुओं का इलाज फिलहाल निजी पशु चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है। गाय की वाछी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। ग्रामीणों ने मिलकर इलाज के लिए आर्थिक सहयोग दिया।
प्रशासन और पशु विभाग की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में अक्सर प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम समय पर नहीं पहुंचती। ग्रामीणों ने मांग की है कि क्षतिग्रस्त परिवार को सरकारी मुआवजा मिले। साथ ही पशु चिकित्सा विभाग की ओर से त्वरित राहत पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए।
फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की तैनाती की मांग
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आगजनी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। घर और पशुशाला में अग्निशमन सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते, जिससे ऐसी घटनाएं होते ही नुकसान ज्यादा हो जाता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की तैनाती की मांग की।
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में आगजनी से बचाव के लिए पशुशालाओं में अग्निरोधक सामग्री का उपयोग जरूरी है। हर पंचायत स्तर पर फायर सेफ्टी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। पशुपालकों को पशु बीमा योजना से जोड़ा जाए ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। पंचायतों को अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) उपलब्ध कराया जाना चाहिए।