
दरभंगा में पहली बार 3D Printing Bootcamp, MeitY और C-DAC की बड़ी पहल। “3D Printing सिर्फ तकनीक नहीं, भविष्य की नींव है” –भविष्य की तकनीक अब दरभंगा में! WIT और DCE में सफलतापूर्वक हुआ 3D Printing बूट कैंप। विद्यार्थियों को मिला भविष्य का हथियार!@दरभंगा, देशज टाइम्स।
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में…
DCE दरभंगा में 3D Printing और Additive Manufacturing की ट्रेनिंग। MeitY और C-DAC की पहल: दरभंगा के छात्रों ने सीखी 3D Printing की नई स्किल्स। दरभंगा की छात्राओं ने चमकाया नाम, 3D Printing Bootcamp में मिला पुरस्कार व सम्मान। WIT और DCE दरभंगा में 3D Printing Bootcamp: छात्रों को मिला इंडस्ट्री-रेडी अनुभव@दरभंगा देशज टाइम्स।@दरभंगा, देशज टाइम्स।
दरभंगा में MeitY प्रायोजित 3D Printing एवं Additive Manufacturing बूट कैंप
दरभंगा, देशज टाइम्स। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और C-DAC, कोलकाता द्वारा आयोजित “Finishing School Program on 3D Printing एवं Additive Manufacturing Technology” का द्विदिवसीय बूटकैंप दरभंगा में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन वुमेन्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (WIT), दरभंगा में हुआ और समापन दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) में किया गया।
Branch-Specific सीमाओं को तोड़कर
DCE प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने इस बूटकैम्प के सफल आयोजन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को Branch-Specific सीमाओं को तोड़कर आधुनिक स्किल-सेट विकसित करना चाहिए, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकें।डॉ. तिवारी ने अतिथियों का स्वागत भगवान बुद्ध की प्रतिमा देकर किया।
स्किल-ओरिएंटेड ट्रेनिंग पर फोकस
डॉ. रश्मि कुमारी (असिस्टेंट प्रोफेसर एवं ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर, WIT) ने MeitY और DCE की पहल की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को स्किल-ओरिएंटेड ट्रेनिंग पर फोकस करने का आग्रह किया। इस अवसर पर डॉ. चंद्रिका कुमारी (बायो-इंफॉर्मेटिक्स विभाग) और काजल कुमारी (कंप्यूटर साइंस विभाग) भी उपस्थित रहीं।
तकनीकी प्रशिक्षण और इंडस्ट्री पर फोकस
प्रफुल चंद्र (सहायक प्राध्यापक एवं फैकल्टी-इन-चार्ज) ने कहा कि “3D Printing केवल तकनीक नहीं, बल्कि भविष्य के उद्योगों की आधारशिला है।” C-DAC, कोलकाता से आए शास्वत रॉय (प्रोजेक्ट इंजीनियर) ने एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के औद्योगिक महत्व और भारत में इसके भविष्य पर जानकारी साझा की।
ट्रेनर्स आदर्श आनंद, जयप्रकाश कुमार और शारदा कुमारी ने प्रतिभागियों को CAD डिजाइनिंग, प्रोटोटाइप निर्माण, मटेरियल चयन और हार्डवेयर हैंडलिंग पर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया।
छात्राओं को मिला सम्मान
बूट कैंप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजन का सफल संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर (मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग) एवं C-DAC लैब इंचार्ज श्री प्रफुल चंद्र के निर्देशन में हुआ।
औद्योगिक जरूरतों के प्रशिक्षण का सशक्त प्रयास
धन्यवाद-ज्ञापन में प्रफुल चंद्र ने कहा कि यह बूटकैम्प युवाओं में नवाचार और भविष्य की औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण का सशक्त प्रयास है। उन्होंने जोड़ा कि एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थियों के लिए अनेक करियर अवसर उपलब्ध होंगे।