केवटी विधायक डॉ. मुरारी मोहन झा ने दरभंगा के डीएम कौशल कुमार को केवटी पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, पचाढ़ी के छात्र जतिन गौत की संदिग्ध मौत को लेकर एक खुला आवेदन दिया है। यह आवेदन हम यूं ही यथावत रख रहे हैं@मनोरंजन ठाकुर, देशज टाइम्स।
जिला पदाधिकारी, दरभंगा, बिहार
विषय: पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, पचाढ़ी (केवटी) में छात्र जतिन गौतम की संदिग्ध मृत्यु से संबंधित निष्पक्ष जांच, दोषियों पर कार्रवाई एवं निर्दोष ग्रामीणों पर दर्ज प्राथमिकी की वापसी हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि दिनांक 08 जुलाई 2025 को पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, पचाढ़ी, स्थित केवटी विधानसभा क्षेत्र, जिला दरभंगा, के कक्षा 8 में अध्ययनरत छात्र जतिन गौतम, उम्र लगभग 13 वर्ष, पुत्र श्री संतोष साहू, ग्राम रनवे, का शव संदिग्ध परिस्थितियों में छात्रावास में फांसी के फंदे से लटका पाया गया।
यह घटना अत्यंत दुखद, संवेदनशील और प्रारंभिक दृष्टि से साजिश की ओर इशारा करती है, जिससे क्षेत्र की जनता और परिजन आहत हैं। विशेष रूप से निम्नलिखित तथ्यों से मामला अत्यंत संदेहास्पद प्रतीत होता है,
संदेह के प्रमुख बिंदु:
विद्यालय प्रशासन की घोर लापरवाही – घटना के समय हाउस मास्टर एवं प्रधानाचार्य की गैरमौजूदगी और परिजनों को बुलाए जाने के बावजूद बिना फॉरेंसिक टीम की उपस्थिति के शव को हटाने का प्रयास, साक्ष्य मिटाने का संकेत है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु रात 01:00 बजे से सुबह 09:00 बजे के बीच मानी गई है, जबकि छात्र को सुबह पीटी, नाश्ता और असेंबली में उपस्थित नहीं देखा गया। इससे स्पष्ट होता है कि मृत्यु प्रातः 05:30 बजे से पूर्व हो चुकी थी।
मृतक ने मृत्यु से एक दिन पूर्व अपने अभिभावक को फोन कर अगले दिन मिलने की बात कही थी – यह स्पष्ट संकेत है कि बच्चा किसी मानसिक दबाव या गवाही हेतु तत्पर था।
बाहरी व्यक्ति शादाब अख्तर की उपस्थिति और भूमिका संदिग्ध है – उसकी तत्काल जांच हो।
पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह:
रैयाम थाना द्वारा स्थानीय ग्रामीणों, अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद 21 नामजद एवं 1500 अज्ञात व्यक्तियों पर संगीन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
हमारी आपसे मांगें हैं:
CBI या न्यायिक जांच द्वारा घटना की स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं वैज्ञानिक जांच कराई जाए। मृतक के दादा द्वारा दिए गए आवेदन पर तुरंत FIR दर्ज किया जाए। हाउस मास्टर, प्रधानाचार्य एवं संलिप्त पुलिसकर्मियों पर विभागीय एवं आपराधिक कार्रवाई हो। रैयाम थाना को जांच से पूर्णतः अलग किया जाए एवं उसकी भूमिका की न्यायिक जांच हो। विद्यालय की आंतरिक व्यवस्था, रैगिंग की घटनाएं एवं अनुशासनहीनता पर उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। छात्रावास के सभी बच्चों से स्वतंत्र पूछताछ कर घटना के कारणों का पता लगाया जाए। शादाब अख्तर नामक बाहरी व्यक्ति की भूमिका की गहन जांच हो।शांतिपूर्ण विरोध करने वाले ग्रामीणों पर दर्ज फर्जी प्राथमिकी निरस्त की जाए।
तो मैं एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं…मैं
यदि इस गंभीर प्रकरण में शीघ्र निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई, तो मैं एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में दरभंगा में आमरण अनशन पर बैठने को विवश रहूंगा, जो तब तक जारी रहेगा जब तक, पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता, दोषियों को सजा नहीं दी जाती, और निर्दोष ग्रामीणों से मुकदमा वापस नहीं लिया जाता।
आपसे अनुरोध है कि इस प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए शीघ्र आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि आम जनता का प्रशासन और न्याय व्यवस्था में विश्वास बना रह सके।
संलग्न: मृतक के दादा द्वारा दिया गया आवेदन (प्रति), पोस्टमार्टम रिपोर्ट (यदि उपलब्ध), ग्रामीणों पर दर्ज प्राथमिकी की प्रति (यदि उपलब्ध)
भवदीय, डॉ. मुरारी मोहन झा, विधायक केवटी।
13 साल के जतिन की मौत? बड़ा सवाल
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