गाँव-देहात की तरक्की में अक्सर कागजी प्रक्रियाओं की उलझनें एक दीवार बन जाती हैं। अब डिजिटल क्रांति की दस्तक ग्रामीण भारत में भी पहुँच रही है, जहाँ एक छोटा सा बदलाव बड़े असर पैदा कर सकता है। MNREGA e-KYC: ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह पहल न केवल पारदर्शिता लाएगी, बल्कि सीधे उनके हाथों में उनका हक भी पहुंचाएगी।
जाले. मनरेगा के जॉब कार्ड धारियों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) करवाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। पीआरएस (पंचायत रोजगार सेवक) द्वारा यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया पूरी की जा रही है, जिसका उद्देश्य लाभार्थियों को उनके श्रम का उचित और त्वरित भुगतान सुनिश्चित करना है। यह कदम ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
MNREGA e-KYC से मिलेगी सीधी सहूलियत
मनरेगा के प्रोग्राम अधिकारी रजनीश कुमार ने इस पहल पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि जॉब कार्ड का ई-केवाईसी हो जाने से जॉब कार्ड धारियों के बैंक खातों में सीधे पैसा जाने में काफी सहूलियत होगी। यह प्रक्रिया बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर पारदर्शिता बढ़ाएगी, जिससे श्रमिकों को उनके काम का भुगतान समय पर मिल सकेगा।
उन्होंने आगे कहा कि ई-केवाईसी से त्रुटियों की संभावना भी कम होगी और भुगतान प्रणाली अधिक सुदृढ़ बन पाएगी। यह आधुनिक तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण श्रमिकों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मुख्यमंत्री आवास योजना में भी मिलेगा लाभ
रजनीश कुमार ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने पर, मकान निर्माण कार्य में लाभार्थियों द्वारा किए गए श्रमदान की राशि भी सीधे उनके खाते में चली जाएगी। यह प्रावधान मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के लिए दोहरा लाभ सुनिश्चित करेगा, जिससे उन्हें आवास निर्माण में अपने श्रम का भी उचित प्रतिफल मिलेगा।
यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी श्रमिक अपने हक से वंचित न रहे और सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक बिना किसी परेशानी के पहुँच सके। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के लिए यह एक सकारात्मक बदलाव है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है। यह सुविधा सुनिश्चित करेगी कि ग्राम विकास योजनाएं सही तरीके से लाभार्थियों तक पहुँचें।



