Darbhanga News: दरभंगा में अवैध नर्सिंग होम मौत का अड्डा बना है! जच्चा-बच्चा की दर्दनाक मौत से फैला कोहराम क्या कहता है? क्या पूछता है? कौन है जिम्मेदार? दरभंगा बहेड़ी में इलाज के नाम पर दो जानें चलीं गईं –मगर, प्रशासन मौन है! बेटी नहीं रही…” बहेड़ी में मौत के सौदागर बने अवैध नर्सिंग होम में – जिस आशा ने भेजा था यहां प्राइवेट में, उनसे पूछताछ कौन करेगा? कब बंद होंगे अवैध नर्सिंग होम? क्या दरभंगा में मौत का यूं हीं सौदा – जच्चा-बच्चा की जानें जातीं रहेंगी। आशा की लालच ने छीन ली दो जानें – कब जागेगा स्वास्थ्य विभाग?
मगर, अवैध जहां है वहीं पसरा है। मौतें हो रहीं हैं
आखिर बहेड़ी बाजार के बहेड़ी बरियाही घाट मुख्य सड़क में मनोकामना मंदिर के समीप चल रहे अवैध नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत का जिम्मेदार कौन है? आखिर, यूं हीं अवैध नर्सिंग होम की मार आम जनता कबतक भोगेगी? इन अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई कौन करेगा? दरभंगा में इन दिनों स्वास्थ्य को लेकर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। नए अस्पताल, नई व्यवस्था, दवाई की सप्लाई, नए अस्पतालों के निर्माण, मगर अवैध जहां है वहीं पसरा है। मौतें हो रहीं हैं।
बहेड़ी में अवैध नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा सवाल
बहेड़ी (दरभंगा) बाजार के बरियाही घाट मुख्य सड़क स्थित मनोकामना मंदिर के पास चल रहे अवैध नर्सिंग होम में एक 23 वर्षीय महिला और नवजात की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में गहरा आक्रोश फैल गया है।
अवैध नर्सिंग होम में सिजेरियन के दौरान गई दो जानें
बिरौल थाना क्षेत्र के मनोर भौराम गांव निवासी सुनील मांझी की पत्नी मनीषा कुमारी को डिलीवरी के लिए गांव की आशा कार्यकर्ता बहेड़ी पीएचसी लेकर आई थी। वहां के डॉक्टरों ने महिला को गंभीर हालत में डीएमसीएच रेफर किया, लेकिन कुछ पैसों के लालच में आशा कार्यकर्ता ने महिला को सूर्या इमरजेंसी नामक अवैध नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया।
नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान सिजेरियन ऑपरेशन किया गया, जिसमें महिला और नवजात दोनों की मौत हो गई।
हंगामा और जांच शुरू, सभी कर्मचारी फरार
घटना के बाद मृतका की सास अमला देवी और अन्य परिजन रो-रो कर बेहाल हैं। परिजनों ने नर्सिंग होम पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर पीएचसी प्रभारी डॉ बीडी महतो और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक नर्सिंग होम के सभी कर्मचारी फरार हो चुके थे।
स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल
डॉ. बीडी महतो ने खुद स्वीकार किया कि बहेड़ी बाजार में अवैध नर्सिंग होम कुकुरमुत्ते की तरह खुले हैं। और स्वास्थ्य विभाग इन्हें बंद कराने में विफल साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों में उबाल, हो रही अवैध नर्सिंग होम और जांच घरों की जांच में अनदेखी
स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मोटी रकम लेकर इन अवैध नर्सिंग होम और जांच घरों को अनदेखा करते हैं। जब तक कोई मौत या बड़ा हादसा नहीं होता, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती।
थानाध्यक्ष बरूण कुमार गोस्वामी ने बताया
प्रमुख सवाल उठते हैं: आखिर इन अवैध नर्सिंग होम का जिम्मेदार कौन है? स्वास्थ्य विभाग कब तक आंख मूंदे बैठा रहेगा? आशा कार्यकर्ता ने पैसे के लिए जान क्यों दांव पर लगा दी? क्या इस घटना के बाद प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा? थानाध्यक्ष बरूण कुमार गोस्वामी ने बताया कि महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया है और जांच जारी है।