दरभंगा | बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, क्योंकि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। इस कैबिनेट विस्तार में कुल सात नए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा, जिसमें से दो प्रमुख नाम दरभंगा से हैं – संजय सरावगी और जीवेश मिश्रा। यह निर्णय दरभंगा की राजनीति में एक नए समीकरण को जन्म दे सकता है।
संजय सरावगी और जीवेश मिश्रा को क्यों मिली जगह?
दरभंगा से संजय सरावगी (मारवाड़ी समुदाय) और जीवेश मिश्रा (भूमिहार समुदाय) को मंत्री पद से यह साफ हो जाता है कि बीजेपी अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने के साथ-साथ सवर्ण और व्यापारिक वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
- संजय सरावगी – दरभंगा शहर से विधायक हैं और मारवाड़ी समुदाय से आते हैं। वे लगातार बीजेपी के प्रभावी नेता रहे हैं और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए उन्हें मंत्री पद दिया जा रहा है।
- जीवेश मिश्रा – जाले विधानसभा से विधायक हैं और भूमिहार समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं और उनकी संगठनात्मक पकड़ मजबूत मानी जाती है।
अब शाम तक इंतज़ार है…
दरभंगा का राजनीतिक महत्व क्यों बढ़ा?
दरभंगा उत्तर बिहार की राजनीति का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
- मिथिलांचल में बीजेपी के मजबूत आधार को बरकरार रखने के लिए दरभंगा से प्रतिनिधित्व जरूरी था।
- 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी स्थानीय जातीय समीकरण को संतुलित करना चाहती है।
- दरभंगा को एम्स मिलने के बाद इस क्षेत्र की राजनीतिक और रणनीतिक अहमियत और बढ़ गई है।
दरभंगा में आगामी चुनावों पर असर
दरभंगा में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। 2025 के विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेगा, और इस कैबिनेट विस्तार से दरभंगा क्षेत्र में पार्टी की पकड़ और मजबूत होने की संभावना है।
निष्कर्ष
नीतीश सरकार के इस कैबिनेट विस्तार में दरभंगा की अहम भूमिका दिख रही है। संजय सरावगी और जीवेश मिश्रा को मंत्री पद मिलने से यह साफ है कि बीजेपी मिथिलांचल में अपनी पकड़ और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले चुनावों में यह फैसला बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।