बेनीपुर। सरकार की गलत नीति के कारण गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर परिवार करने वाले परिवारों को अब कफन के कपड़े भी नसीब नहीं हो पा रहे हैं। गत 3 वर्षों से कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत मृतकों को कफ़न के लिए दी जाने वाली राशि का भुगतान ठप पड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों को मृत्यु के समय क्रिया कर्म के लिए सरकार द्वारा ₹3000 की राशि भुगतान की जाती थी जो पंचायत सचिव एवं मुखिया द्वारा मृतक के परिवार को तत्काल भुगतान कर दी जाती थी।
बाद में उसे भुगतान विपत्र के सहारे समायोजन की जाती थी। लेकिन वर्तमान समय में डी बी टी माध्यम से सरकार द्वारा भुगतान दिए जाने के कारण मौत के समय कौन कहे बरसी के समय भी उक्त राशि का मिलना दुर्लभ बना हुआ है।
पोहद्दी गांव के गणपति मुखिया, भोलू राम बताते हैं कि अपने परिजनों को खोने के बाद उक्त राशि के लिए जब प्रयास किया तो बताया गया कि डीवीटी के माध्यम से भुगतान किया जाता है। इसमें जनप्रतिनिधियों का कोई भूमिका नहीं होती है।
अब मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं बैंक के अकाउंट के साथ आवेदन जमा करने पर सीधे खाता में भुगतान की जाती है। दूसरी ओर सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश झा, विनोद मंडल, सुरेंद्र साहनी सहित अन्य लोग बताते हैं कि सरकार के पास अब कफन देने के लिए भी पैसे की व्यवस्था नहीं है।
डीबीटी के माध्यम से श्राद्ध कर्म कौन कहे बड़सी में भी पैसा मिलना मुश्किल है। इस संबंध में पूछने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अंशुमन ने बताया कि सरकार की पॉलिसी के तहत ही भुगतान किया जाना है। इसमें स्थानीय पदाधिकारी की ओर से कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है ।