
दरभंगा | जिले के जाले प्रखंड मुख्यालय स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी भवन में बुधवार को खुशी का माहौल देखने को मिला। दरअसल, प्रखंड प्रमुख फूलो बैठा पर पूर्व में लगाए गए वित्तीय शक्ति (Financial Power) एवं नीतिगत निर्णय (Policy Decision) लेने पर लगी रोक को अब पुनः बहाल कर दिया गया है।
इस निर्णय की आधिकारिक जानकारी मिलते ही प्रखंड प्रमुख फूलो बैठा एवं पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रभारी बीडीओ मनोज कुमार का भव्य स्वागत किया गया।
पाग और चादर से हुआ सम्मान
समिति के सदस्यों ने पारंपरिक तरीके से प्रखंड प्रमुख और प्रभारी बीडीओ का सम्मान किया।
प्रखंड प्रमुख फूलो बैठा को पाग (दरभंगा-मिथिला की पारंपरिक पहचान) और
चादर (आदर-सम्मान का प्रतीक) पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित पंचायत समिति सदस्यों ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह निर्णय पंचायत स्तर पर विकास कार्यों को गति देने वाला साबित होगा।
उपस्थित पंचायत समिति सदस्य
सम्मान समारोह में कई पंचायत समिति सदस्य और प्रतिनिधि मौजूद रहे। इनमें प्रमुख थे:
अनिल भंडारी (पंसस, राढ़ी पश्चिमी)
संजय मंडल
जैनुल हक (समिति सदस्य प्रतिनिधि, ब्रह्मपुर पश्चिमी)
नरेश पासवान
मुकेश साह
आदि प्रमुख सदस्य शामिल हुए। सभी ने इसे स्थानीय लोकतंत्र और पंचायत सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक कदम बताया।
पंचायत स्तर पर विकास कार्यों को मिलेगी गति
गौरतलब है कि वित्तीय शक्ति बहाल होने से प्रखंड प्रमुख अब पंचायत स्तर पर कई नीतिगत निर्णय ले सकेंगी।
विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
ग्रामीण स्तर पर सड़क, जल-निकासी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिलेगी।
पंचायत समिति और प्रखंड प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब वित्तीय अधिकार चुने गए प्रमुख के पास रहते हैं, तो निर्णय प्रक्रिया तेज होती है और जनकल्याण योजनाएं सीधे जनता तक पहुँच पाती हैं।
ग्रामीण जनता में खुशी की लहर
स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत समिति सदस्यों का कहना है कि इससे अब ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं का ठहराव खत्म होगा।
कई अधूरे पड़े कामों को अब तुरंत पूरा किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), मनरेगा (MGNREGA), स्वच्छ भारत मिशन (SBM) जैसी योजनाओं के सुचारु संचालन की संभावना बढ़ेगी।
ग्रामीण जनता को अब योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा।
पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
भारत में पंचायती राज प्रणाली को स्थानीय स्वशासन की रीढ़ माना जाता है।
73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायतों को स्वायत्तता और वित्तीय अधिकार दिए गए थे।
लेकिन कई बार राजनीतिक या प्रशासनिक कारणों से इन पर रोक लगा दी जाती है।
अब जाले प्रखंड में यह शक्ति बहाल होने से स्थानीय प्रशासन और जनता दोनों को राहत मिली है।
प्रखंड प्रमुख फूलो बैठा की प्रतिक्रिया
हालांकि इस अवसर पर फूलो बैठा का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन सूत्रों के अनुसार उन्होंने कहा है कि वे अब विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाएँगी। उनका फोकस होगा:
गांव-गांव तक योजनाओं की पहुँच
पारदर्शी खर्च प्रणाली
समान अवसर और जनसुनवाई
मजबूत होगा स्थानीय लोकतंत्र
जाले प्रखंड में प्रखंड प्रमुख फूलो बैठा पर वित्तीय शक्ति की बहाली केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि ग्राम पंचायतों और ग्रामीण विकास की दिशा में बड़ा कदम है। इससे जहां स्थानीय लोकतंत्र मजबूत होगा, वहीं ग्रामीण जनता को भी सीधा लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्यों ने जिस तरह खुशी जाहिर की, उससे साफ है कि यह निर्णय क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार साबित होगा।