दरभंगा, देशज टाइम्स। कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार की अध्यक्षता में रबी मौसम के लिए उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण की स्थिति को लेकर सभी जिलाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाईन बैठक की गयी।
बैठक में जिलावार की गयी समीक्षा से स्पष्ट हुआ है कि रबी मौसम में आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक की उपलब्धता नहीं रही है। सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी निर्धारित मूल्य से उच्च मूल्य पर डीएपी या यूरिया का विक्रय नहीं हो। उन्होंने कहा कि डीएपी के लिए 1,350 रूपये एवं यूरिया के लिए 266.50 रूपये विक्रय मूल्य निर्धारित है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अधिक से अधिक छापेमारी करायी जाए एवं अनियमिता पाये जाने पर अनुज्ञप्ति रद्द करने, निलंबन करने एवं प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयक को छापेमारी करने की शक्ति प्रदत्त है। उर्वरक की जांच तकनीकी पदाधिकारी से ही करायी जाए।
उन्होंने कहा कि जिला उर्वरक निगरानी समिति, प्रखंड उर्वरक निगरानी समिति सक्रिय रहें तथा जिले को प्राप्त होने वाले उर्वरकों की जानकारी मीडिया के माध्यम से किसानों को दी जाए तथा प्राप्त उर्वरक को फसल अच्छादन क्षेत्र के आधार पर प्रखंडों को आवंटित किया जाए।
उन्होंने कहा कि रबी मौसम के दौरान अभी तक 3,090 छापेमारी की गयी है, जिनमें 460 में अनियमितता की शिकायत पाई गई, जिनमें से 133 का अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया, 89 का रद्द किया गया तथा 76 के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।
उन्होंने कहा अनियमितता के विरूद्ध सरकार का जीरो टॉलरेंस निति है। इसलिए कहीं भी अनियमितता पाई जाती है, तो सख्ती से कार्रवाई की जाए। बैठक में दरभंगा से जिलाधिकारी राजीव रौशन ने जिला में वर्तमान मांग और आपूर्ति के संदर्भ में जानकारी दी।
कृषि सचिव ने निर्देश के आलोक में कृषि निदेशक, बिहार पटना ने यह बताया कि आई.पी.एल का 700 मैट्रिक टन एवं एन.एफ.एल. का 1,000 मैट्रिक टन उर्वरक अगले एक-दो दिनोंं में भेजने का निर्देश संबंधित एजेंसी के अधिकारियों को दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, अत्यधिक उर्वरक के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे प्रभावित होती है। कई प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी कृषि विभाग के अधिकारियों एवं तकनीकी सेवा कर्मी की ओर से किसानों को यह बताई जाती रही है कि उर्वरक का संतुलित उपयोग किया जाए, जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर रह सके।
दरभंगा एनआईसी से जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन, संयुक्त निदेशक (कृषि) चन्द्रशेखर सिंह, उप निदेशक, जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, सिंह, परियोजना निदेशक (आत्मा) पूर्णेन्दु नाथ झा ऑनलाईन जुड़े थे।