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7 नवम्बर, 2024
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Darbhanga में एक साल, तीन मौतें, शौचालय एक; परिजन बोले- यह आत्महत्या नहीं, ‘सिस्टम की हत्या है’, सड़क पर उतरे लोग, पढ़िए

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प्रभाष रंजन, दरभंगा। लहेरियासराय थाना क्षेत्र स्थित बाल सुधार गृह में एक और नाबालिग की मौत ने प्रशासनिक सिस्टम की पोल खोल दी है। शनिवार की सुबह 17 वर्षीय भरत दास का शव शौचालय में फंदे से लटका मिला, जिससे पूरे परिसर में सनसनी फैल गई।

एक साल में तीसरी मौत, फिर वही शौचालय

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, जिस शौचालय में भरत दास का शव मिला, वहीं पहले भी दो बच्चों की मौत हो चुकी है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर हर बार मौत उसी जगह क्यों होती है, जबकि परिसर में 10 से 12 शौचालय हैं।

रात 2 बजे उठा, फिर नहीं लौटा…

जानकारी के अनुसार, रात करीब दो बजे भरत शौचालय गया था। कुछ देर बाद वह वापस लौटा, फिर दोबारा गया — लेकिन इस बार लौटकर नहीं आया। सुबह गिनती के दौरान जब उसे खोजा गया तो वह फंदे से लटका मिला।

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मां से हुई थी आखिरी मुलाकात

परिजनों का कहना है कि शुक्रवार दोपहर मां और रिश्तेदारों ने उससे मुलाकात की थी, तब वह बिल्कुल ठीक था। उन्होंने आरोप लगाया कि भरत की हत्या बाल सुधार गृह के कर्मियों ने की है।

शव मिलने के बाद परिजन और ग्रामीण सड़क पर उतर आए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

जेल से आया था बाल सुधार गृह

भरत दास सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के पैरा गांव निवासी सकल देव दास का बेटा था। करीब डेढ़ माह पहले आंटा मिल चोरी मामले में गिरफ्तार कर उसे मंडल कारा भेजा गया था।

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परिजनों ने अदालत में जन्म प्रमाणपत्र पेश किया, जिसके बाद शुक्रवार को उसे और एक अन्य नाबालिग को बाल सुधार गृह स्थानांतरित किया गया था।

कागजी प्रक्रिया ने ली जान?

परिजनों ने सवाल उठाया कि थाना पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त उम्र सत्यापन क्यों नहीं किया? अगर पहले सत्यापन कर लिया गया होता तो भरत बाल सुधार गृह में समय पर पहुंच जाता और शायद उसकी जान बच जाती।

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प्रशासन जांच में जुटा, पर चुप्पी बरकरार

सूचना पर डीएम कौशल कुमार, एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलरेड्डी, सदर एसडीओ विकास कुमार, एसडीपीओ राजीव कुमार और कई अधिकारी पहुंचे। दो घंटे तक जांच चली।

एसडीओ ने कहा —

“प्रथम दृष्टया आत्महत्या प्रतीत हो रहा है, पर हर एंगल से जांच जारी है।”

हालांकि पुलिस अब तक कुछ भी कहने से परहेज कर रही है।

परिवार के सवाल — कब रुकेगी ये मौतें?

एक साल के अंदर तीन बच्चों की मौत और वो भी एक ही शौचालय में, अब प्रशासन पर सवालों का पहाड़ खड़ा कर रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा — “यह आत्महत्या नहीं, सिस्टम की हत्या है।

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