

बिहार में लगातार बढ़ रहे अपराध (Crime in Bihar) और कमजोर होती कानून व्यवस्था (Law and Order) पर अब राज्य सरकार ने यूपी मॉडल (UP Model) अपनाने की तैयारी शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के गृह विभाग ने निर्णय लिया है कि ADG स्तर (Additional Director General – ADG) के वरिष्ठ IPS अधिकारियों को अब सीधे फील्ड में तैनात किया जाएगा।
ADG अधिकारियों की फील्ड तैनाती का फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो खुद गृह विभाग की कमान संभाल रहे हैं, ने बढ़ते अपराध को लेकर अब सीधा मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने का निर्देश दिया है। सूत्रों के मुताबिक:
जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी। ADG स्तर के IPS अधिकारियों को जोन या रेंज के स्तर पर फील्ड कमांड सौंपी जाएगी। विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है ताकि अपराध नियंत्रण में ठोस असर दिखाया जा सके। कई IPS अधिकारियों का तबादला और अतिरिक्त प्रभार भी संभव।
क्राइम पर विपक्ष का हमला, सरकार की नई रणनीति
विपक्ष लगातार राज्य में बढ़ते क्राइम ग्राफ पर सवाल उठा रहा है। चाहे वो हत्या, लूट, अपहरण या भ्रष्टाचार हो – सभी मोर्चों पर सरकार की किरकिरी हो रही है। यही कारण है कि अब थानों से लेकर रेंज स्तर तक जवाबदेही तय की जाएगी। फील्ड में सीनियर IPS अधिकारी होने से स्थानीय पुलिस पर नियंत्रण और मॉनिटरिंग बेहतर होगी। यूपी की तर्ज पर IPS रीजनल पोस्टिंग मॉडल लागू किया जाएगा।
क्यों जरूरी हुई यह कार्रवाई?
अपराध और भ्रष्टाचार की बढ़ती शिकायतें, विधानसभा चुनाव नजदीक, जनता में भरोसा बढ़ाना जरूरी, विपक्ष का दबाव और सवालों की बौछार।
IPS ट्रांसफर-पोस्टिंग की होगी बड़ी कवायद
कई वरिष्ठ IPS अधिकारियों का जल्द हो सकता है स्थानांतरण। कुछ को अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा जा सकता है। अधिसूचना के बाद जिलेवार या जोनल आधार पर तैनाती संभव।
क्या हो सकता है आगे?
IG/ADG स्तर के अधिकारियों को रेंज और ज़ोनल स्तर पर फील्ड ऑपरेशनल चार्ज दिया जा सकता है। पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा जैसे बड़े ज़िलों में सीनियर आईपीएस को प्रत्यक्ष नियंत्रण में लाया जाएगा। इससे अपराध नियंत्रण, राजनीतिक दबाव नियंत्रण और प्रशासनिक निर्णय में तेजी आएगी।








