back to top
8 सितम्बर, 2024
spot_img

Darbhanga के जाले में मशरूम से आर्थिक तरक्की के मिले महिलाओं को टिप्स, Bihar में 6 किस्म की खेती घर बैठे बनाएंगें समृद्व

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
मुख्य बातें: मशरूम उत्पादन एवम प्रसंस्करण विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम। देशज टाइम्स की तस्वीर-कृषि विज्ञान केंद्र जाले में महिला एवम युवतियों को मशरूम की खेती में रोजगार का अवसर विषय पर प्रशिक्षण देते वैज्ञानिक और कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रशिक्षण प्राप्त युवतियों और महिलाओं को मशरूम की थैली प्रदान करते अतिथि

अरूण कुमार पाठक, जाले देशज टाइम्स। कृषि विज्ञान केन्द्र, जाले की ओर से मशरूम उत्पादन एवम प्रसंस्करण विषय पर एक दिवसीय जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम (People got training regarding mushroom production in Darbhanga.) का मंगलवार को आयोजन किया गया।

यह भी पढ़ें:  'मोक्षवाला’ कहे जाने वाले RJD ex MLA हरिनंदन यादव...पंचतत्व में विलीन, हजारों लोगों की आंखें नम, हजारों लोगों ने दी विदाई, Tejashwi Yadav बोले – RJD परिवार मर्माहत है
केन्द्र के अध्यक्ष सह वरीय विज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है। मशरूम उत्पादन एक ऐसा व्यवसाय जो महिलाएं घर में रहकर कर सकती है तथा आय का उत्तम जरिया बना सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशरूम विशेषज्ञ डॉ. दयाराम ने बताया कि बिहार में छह प्रकार के मशरूम की खेती होती है। बटन मशरूम ठंड में अक्टूबर से फरवरी तक उपजाया जा सकता है, ओस्टर मशरूम की खेती फरवरी से अप्रैल, राजेन्द्र दुधिया अप्रैल से जुन, पुआल मशरूम बारिश के मौसम में उपजाया जा सकता है।
दो औषधिय प्रकार के मशरूम की खेती भी बिहार में की जाती है। मशरूम की खेती की सबसे अच्छी बात होती है, इसकी अलग-अलग किस्मों की खेती साल भर कर सकते हैं। इससे साल भर कमाई होती रहती है। मशरूम की खेती जलवायु अनुकूल खेती है तथा इसमें पुआल का उचित प्रबंधन होता है।
मशरूम उत्पादन इकाई मे विभिन कार्य किया जा सकता है जैसे मशरूम का बीज उत्पादन, कम्पोस्ट बनना, मशरूम की खेती, और मशरूम का प्रसंस्करण। कम जगह और कम समय के मशरूम की खेती में लागत भी बहुत कम लगती है, जबकि मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है।
मशरूम उत्पादन से महिलाएं न केवल कच्चे मशरूम से आमदनी प्राप्त कर सकती हैं अपितु इसके विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद बनाकर जैसे की बिस्कुट, हलवा, बड़ी, पकौड़ी, नमकीन, भुजिया इत्यादि से भी आमदनी प्राप्त कर सकती हैं।
गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी ने बताया कि हमारे देश में मशरूम का उपयोग भोजन व औषधि के रूप में किया जाता है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन जैसे उच्च स्तरीय खाद्य मूल्यों से प्रचुर होते हैं। कार्यक्रम मे जीविका बीपीएम तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के अन्य कर्मीगण उपस्थित रहें।

जरूर पढ़ें

PATNA AIIMS में नियोनेटल क्विज, IGIMS PATNA बना विजेता, DMCH और RIMS चौथे स्थान पर, बिहार-झारखंड के 10 मेडिकल कॉलेजों ने लिया हिस्सा

प्रभाष रंजन, पटना। एम्स पटना में आयोजित एनएनएफ पीजी नियोनेटल क्विज (NNF PG Neonatal...

Bihar में महिलाओं को मिलेगा 10 हज़ार का रोजगार बोनस, Darbhanga से शुरू हुआ ‘महिला रोजगार अभियान’, दीदियों ने कहा – अब पूरे होंगे...

दरभंगा। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त (Women Empowerment), आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने...

‘मोक्षवाला’ कहे जाने वाले RJD ex MLA हरिनंदन यादव…पंचतत्व में विलीन, हजारों लोगों की आंखें नम, हजारों लोगों ने दी विदाई, Tejashwi Yadav ...

हनुमाननगर। हायाघाट विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हरिनंदन यादव का रविवार को उनके पैतृक...

Darbhanga में ‘ भाई ‘ ही निकला चोर, बड़ा भाई पहुंचा ‘ थाने ‘, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

प्रभाष रंजन, दरभंगा। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के करमगंज में मोबाइल चोरी की अजीबोगरीब घटना...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें