दरभंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से बिहार को कई शैक्षणिक सौगातें दीं। इसी क्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) को शोध विश्वविद्यालय (Research University) का दर्जा मिला है।
इस उपलब्धि के साथ ही विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है, जिसे क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है।
अनुसंधान विश्वविद्यालय बनने पर गर्व
दरभंगा के सांसद और लोकसभा में भाजपा के सचेतक डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने इस घोषणा को मिथिला की शैक्षणिक गरिमा को पुनर्जीवित करने वाली ठोस पहल बताया।
उन्होंने कहा कि एलएनएमयू का चयन केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-Usha Yojana) के तहत हुआ है। यह केंद्र सरकार की मिथिला के प्रति प्रतिबद्धता का ज्वलंत उदाहरण है।
छात्रों को मिलेगा बड़ा लाभ
डॉ. ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय के लाखों छात्रों के लिए शैक्षणिक वरदान साबित होगा।
अनुसंधान विश्वविद्यालय बनने से न केवल शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यहां की शैक्षणिक सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उन्नत होंगी।
1972 से अब तक और आगे की राह
1972 में स्थापित एलएनएमयू अब देश के चुनिंदा 35 अनुसंधान संस्थानों में शामिल हो गया है।
सांसद ठाकुर ने कहा –
इस अनुदान से विश्वविद्यालय में नया पुस्तकालय, मल्टीपरपस हॉल, खेल मैदान और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा।
मिथिला की शिक्षा और संस्कृति को नई पहचान
सांसद ठाकुर ने कहा कि इस कदम से मिथिला क्षेत्र फिर से शिक्षा का हब बनेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार और पीएम मोदी ने मिथिला की शिक्षा, संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है।