दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। एक तरफ राज्य सरकार शराब एवं शराब माफिया को लेकर सख्त है। वहीं, पुलिस के आला अधिकारी उसे बचाने में जुटे हैं। इसके लिये प्रयासरत हैं। यह पूरे शहर में चर्चा आम है।
हालांकि, इसकी पुष्टि कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं कर रहा है। ऐसे में, अगर पुलिस के आलाधिकारी भारी भरकम रकम लेकर उसको बचाने का प्रयास करें तो इसे आप क्या कहेंगे?
देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो प्रमुख संजय कुमार राय (Sanjay Kumar Rai) की यह एक्यक्लूसिव रिपोर्ट, साथ में देखिए कुछ माह पहले पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई और गाड़ी से बरामद शराब की यह खास वीडियो, पढ़िए और देखिए पूरी खबर
ऐसे ही पुलिस पदाधिकारियों को लेकर सरकार बदनाम होती है। और, शराब माफियाओं का मन बढ़ता है। बार-बार पकड़े जाने के बावजूद जेल से छूट जाता है और फिर से शराब के धंधे में लिप्त हो जाता है।
फिलहाल यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है कि एक शराब माफिया से पुलिस के आलाधिकारी ने उसे उस मुकदमे से बचाने के लिये तीन लाख में सौदा किया है। यह मैं नहीं कह रहा हूं, लोगों की जुबान पर चर्चाएं आम हो रही हैं। चर्चा यही है कि उस माफिया को बचाने के लिये तीन लाख बतौर घूस एक पुलिस के आलाधिकारी ने लिया है।
मगर हद यह लेकिन, अब स्थिति ऐसी बन गई है कि उस घूस के पैसे को पुलिस पदाधिकारी लौटाने को तैयार हैं, लेकिन इसके उलट यह है कि वह शराब माफिया उस पैसे को लेने के लिये तैयार नहीं है।
शराब माफिया उस अधिकारी से कह रहा है कि आपने मुझे इस आरोप से बचाने के लिये फाइनल बातचीत कर पैसे लिये हैं, इसलिए मुझे बचाइये। लेकिन उक्त पुलिस के अधिकारी कह रहें हैं कि आपको अपने पर्यवेक्षण में नहीं बचा पाएंगे।
चर्चा है कि इस बात को लेकर शराब माफिया के परिजन और आलाधिकारी के बीच मामला फंस गया है। अब देखना है कि यह मामला और कितना फंस सकता है, ताकि मामला जल्द सामने आ जाए।
यह मामला एक शराब माफिया से जुड़ा है। जिसपर लहेरियासराय थाना में एवं अन्य जिलों में कई मामला दर्ज है। लहेरियासराय थाना में इस माफिया के विरुद्ध कई मामले दर्ज है इसमें लहेरियासराय थाना कांड संख्या 91/09, 480/20, 584/20, 219/22 अन्य एक थाना में 38/19 एवं मुजफ्फरपुर सदर में 707/19 दर्ज है।
यह जानकारी लहेरियासराय थाना की पुलिस देते हुए कहा है कि यह व्यक्ति शराब मामले का शातिर है। और, इसके विरुद्ध मामले दर्ज हैं। एक वीडियो भी वायरल है जो आप DeshajTimesTv पर Live देख रहे हैं।
इस वायरल वीडियो में पुलिस ने उसे गाड़ी के साथ पकड़ा है, जिस कार से भारी मात्रा में शराब बरामद हुआ है। ऐसे में अगर कोई पुलिस के आलाधिकारी उसे बचाने के लिए बतौर घूस तीन लाख रुपये घूस लेता है तो यह चिंता का विषय है।
बेहतर पुलिसिंग की बात करना और आम नागरिक को न्याय देना ऐसे पुलिस पदाधिकारी के बस की बात नहीं है।
अगर ऐसे पुलिस पदाधिकारी की पोस्टिंग जिला में सरकार करती है तो न्याय की बात करना बेइमानी है। लेकिन ऐसे मामलों में जांच कौन करेगा।
समय रहते इस मामले की जांच कोई ईमानदार पदाधिकारी करता है तो दूध का दूध, पानी का पानी बाहर निकल जाएगा। यही वह वक्त है जिसमें जांच बहुत ही आवश्यक है ताकि आगे से कोई भी पुलिस पदाधिकारी शराब माफिया के चंगुल में ना फंसे।
सरकार के ऐसे ऐसे मुलाजिम ही सरकार को बदनाम करती है। और, इसी वजह के कारण होम डिलीवरी होती है। दरभंगा जिला में वरीय पुलिस के कई कारनामे है। राज्य सरकार सिर्फ जांच कराये तो कई मामले के परत दर परत खुलकर सामने आ जाएंगे।
दरभंगा में पुलिस के आलाधिकारियों के विरुद्ध जांच हो तो यह जिला भी सुर्खियों में आ जाएगा। बेहतर पुलिसिंग के लिये नहीं अवैध उगाही के लिये। हर कदम पर भ्रष्टाचार में लिप्त ये पदाधिकारी मिलेंगे। इनके दलाल बहुत हैं। इस कारण आपको इनके विरुद्ध सबूत नहीं मिलेंगे।
हां, इनके द्वारा किये जा रहें कार्यों की समीक्षा करेंगे तो आपको खुद व खुद पता चल जाएगा। यह जिला पूर्णिया से कम नहीं है जहां आर्थिक अपराध इकाई के दस्तक से तात्कालीन एसपी के दर परत दर खुल गये थे।
फिलहाल, सरकार को जांच करानी चाहिये। सूत्रों पर भरोसा करें तो खुफिया विभाग ने सरकार को करीब दो माह पूर्व यहां के पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध काला चिट्ठा भेजा है। सरकार को उसपर अमल करने की जरूरत है। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि उस काले चिट्ठे को सरकार के कोई साहब दबाकर रख दिये हो और सरकार तक यह बात नहीं पहुंची हो। यह भी जांच का विषय है।