उत्तम सेन गुप्ता, बिरौल देशज टाइम्स डिजिटल डेस्क। रेलवे हॉल्ट को लेकर बेनीपुर के नवादा और बैगनी गांव के लोगों के बीच का विवाद राजनीति घेरे में फंसता चला गया। जिसे सुलझाने के बजाय विभाग के पदाधिकारी हाथ पर हाथ डाले बैठे हैं।
इस विवाद से जहां सरकारी राजस्व की क्षति हो रही है। वहीं, रेल यात्रियों में आक्रोश पनपने लगा है। इस मामले को लेकर क्रांति दिवस के अवसर पर नवादा के लोग रेलवे पटरी एवं मझौड़ा-झंझारपुर मुख्य मार्ग पर प्रतिवाद मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
सकरी-हरनगर भाया बेनीपुर व बिरौल रेल खंड पर बेनीपुर अनुमंडल क्षेत्र अन्तर्गत मां जगदंबा नवादा हॉल्ट के लोकार्पण एवं इस रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन की मांग को लेकर जहां ग्रामीणों का शांतिपूर्ण धरना शुक्रवार को 91 वां दिन जारी है।
वहीं इसी खंड पर नवादा से दो किमी पर अवस्थित बैगनी में भी हॉल्ट निर्माण की मांग को लेकर लोग पिछले 81 वां दिन से रेलवे पटरी को जाम कर रखा है। इन दोनों जगहों पर हॉल्ट निर्माण के विवाद से सकरी-हरनगर भाया बिरौल रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन 82 दिनों से बंद है।
क्षेत्र के गणमान्य लोगों का मानें तो इस मुद्दे को समाप्त करने के बजाय कुछ लोग राजनीति रुप दे रखे हैं। हांलाकि रेलवे ट्रैक पर से जाम हटाने के लिए विभागीय आदेश आने की बात कही जा रही है लेकिन दो राजनीति दलों के बीच मानसम्मान की बात आमने सामने आ जाने से मामला उलझ गया है।
ऐसी स्थिति में रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को जनहित में एवं निष्पक्ष रुप से पहल कर इस विवाद को समाप्त कर देना चाहिए। लेकिन स्थानीय राजनीति रुप लेते देख पदाधिकारी भी हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझ रहे हैं। इस विवाद से रेल यात्रियों को इसका खमियाजा भुगतान पड़ रहा है, जिसकी चिंता किसी को नहीं है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में रेलवे विभाग के द्वारा मांगे गए मंतव्य में तत्कालीन जिलाधिकारी ने जगदम्बा रेलवे हॉल्ट का नाम भेजा था।जिसके आलोक में रेलवे विभाग ने 2022 में मां जगदम्बा हॉल्ट नवादा की स्वीकृति प्रदान कर दिया।
लेकिन बिहार में सरकार बदलने के साथ ही सकरी-हरनगर रेल खंड पर बेनीपुर की स्थानीय राजनीति सरगर्मी तेज हो गई। हॉल्ट की मांग को लेकर बैगनी गांव के लोग रेलवे पटरी पर ही धरना पर बैठ गये। जिससे सकरी-हरनगर रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया।