back to top
27 नवम्बर, 2025

दरभंगा में गूंजी संविधान की प्रस्तावना: अधिकारियों ने ली निष्ठा की शपथ

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

दरभंगा न्यूज़: साल के उन अहम दिनों में से एक, जब हर भारतीय अपने सबसे बड़े ग्रंथ, संविधान को याद करता है, दरभंगा में भी उस दिन की गरिमा महसूस की गई। देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने की शपथ के साथ, जिले के अधिकारियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपने संकल्प को दोहराया।

- Advertisement - Advertisement

दरभंगा में संविधान दिवस के पावन अवसर पर जिले के आला अधिकारियों और कर्मचारियों ने भारतीय संविधान के प्रति अपनी अटूट निष्ठा का प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी कौशल कुमार के निर्देशानुसार, उप विकास आयुक्त स्वप्निल ने सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों को संविधान की प्रस्तावना (Preamble) का पाठ करवाया। इस दौरान, सभी ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक आदर्शों को बनाए रखने का संकल्प लिया।

- Advertisement - Advertisement
यह भी पढ़ें:  नशे पर चोट, संविधान को सलाम: कमतौल की छात्राओं ने छेड़ी अनूठी मुहिम

क्यों खास है 26 नवंबर?

उप विकास आयुक्त ने इस अवसर पर संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन, यानी 26 नवंबर, 1949 को हमारी संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकृत किया था। हालांकि, यह 26 जनवरी, 1950 को पूर्ण रूप से लागू हुआ, जो हमें गणतंत्र दिवस के रूप में याद है।

- Advertisement -

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्व के सबसे विस्तृत संविधानों में से एक, भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का लंबा समय लगा था। यह समय भारतीय राष्ट्र की विविधता और आकांक्षाओं को समाहित करने की गहन प्रक्रिया को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें:  बैंक से निकली, ठगों ने घेरा! दरभंगा में महिला से 49 हजार की ठगी, जानिए कैसे हुआ खेल

संविधान के आदर्श और नागरिक कर्तव्य

यह विशेष दिन हमें संविधान में निहित समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे उच्च आदर्शों की याद दिलाता है। हमारा संविधान न केवल नागरिकों के अधिकारों का मार्गदर्शन करता है, बल्कि उनके कर्तव्यों का भी बोध कराता है। यह हमें अपने देश की एकता और अखंडता के प्रति हमेशा निष्ठावान रहने की प्रेरणा देता है। संविधान भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रदान करने के साथ-साथ विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता का आश्वासन देता है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन सलीम अख्तर, विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश कुमार, उप निदेशक जन संपर्क पदाधिकारी सत्येंद्र प्रसाद, डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती चांदनी सिंह सहित समाहरणालय परिसर के कई अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें:  नशा मुक्ति दिवस पर दरभंगा में हुई बड़ी हलचल, डीएम ने दिलाया पूर्ण शराबबंदी का संकल्प; जानें पूरी कहानी

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

इस अवसर पर संविधान की मूल भावना को रेखांकित करने वाली प्रस्तावना का भी पाठ किया गया, जो इस प्रकार है:

”हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद् ‌द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

पूर्णिया के GD गोयनका पब्लिक स्कूल ने लहराया परचम, निरीक्षण टीम ने जमकर की तारीफ

पूर्णिया न्यूज़: शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना किसी भी संस्थान के लिए...

IAS संजीव हंस के करीबी ठेकेदार रिशुश्री पर ED का शिकंजा, 9 ठिकानों पर छापेमारी में 33 लाख कैश बरामद

राजधानी पटना सहित बिहार के कई शहरों में शुक्रवार की सुबह से ही सरकारी...

रोसड़ा नगर परिषद में बड़ी कार्रवाई: कार्यपालक पदाधिकारी के ठिकानों से करोड़ों की नकदी-जेवर बरामद, मचा हड़कंप

समस्तीपुर। रोसड़ा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पूरे नगर परिषद क्षेत्र...

ऑपरेशन थिएटर में मरीज, डॉक्टर साहब घर पर! मुजफ्फरपुर MCH में जान से खिलवाड़ पर मचा बवाल

मुजफ्फरपुर न्यूज़ बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर अक्सर सवाल उठते हैं, लेकिन इस बार मुजफ्फरपुर...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें