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दिसम्बर, 23, 2025

पुनौरा धाम में गूंजा मैथिली का जयघोष: जहां कण-कण में बसी जानकी की गाथा, भव्य मंदिर और अंतर्राष्ट्रीय का दिखा नव संकल्प

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Punauradham: मिथिला की धरती, जहां कण-कण में बसी है जानकी की गाथा। एक ऐसा संगम, जहां आस्था और संस्कृति का प्रवाह सदियों से अविरल बह रहा है, वहां 23वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का शंखनाद हुआ है।

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पुनौरा धाम में गूंजा मैथिली का जयघोष: भव्य मंदिर और अंतर्राष्ट्रीय पहचान की दिशा में NDA का संकल्प

पुनौरा धाम में अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन का भव्य आगाज़

पटना। माता सीता की पावन प्राकट्यस्थली पुनौरा धाम में मैथिली अधिकार दिवस के शुभ अवसर पर 23वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आरंभ हो गया है। दो दिवसीय इस भव्य समागम का उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने किया। सीता प्रेक्षागृह में आयोजित इस समारोह में देशभर से कई गणमान्य व्यक्तियों और विद्वानों की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की गई।

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कार्यक्रम की शुरुआत एक मनोहारी शोभायात्रा से हुई, जिसमें मैथिली परिधान और पारंपरिक पाग धारण किए हुए प्रतिभागी जानकी प्राकट्य स्थली से आगे बढ़े। दोपहर में मंगलाचरण के साथ उद्घाटन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। संजय सरावगी ने मिथिला की इस पवित्र धरा को नमन करते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद उनकी पहली यात्रा इसी पावन स्थली पर हुई है। उन्होंने यहां माता जानकी की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन द्वारा सौंपे गए दायित्व को पूरी ईमानदारी से निभाने का संकल्प लिया।

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मिथिला के विकास का संकल्प

प्रदेश अध्यक्ष सरावगी ने आश्वस्त किया कि जनसंघ के समय से ही भाजपा मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रही है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को भरोसा दिलाते हुए कहा कि एनडीए सरकार मिथिला और मैथिली के उत्थान के लिए कृतसंकल्पित है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए बताया कि उनके प्रधानमंत्री काल में ही मिथिलांचल और मैथिली भाषा के लिए एक मील का पत्थर साबित होने वाला कदम उठाया गया था। मिथिलांचल से लगातार उठ रही आवाजों को सुनते हुए, उन्होंने मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाया। 22 दिसंबर 2003 को भारत सरकार द्वारा यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था और इसी दिन प्रतिवर्ष मैथिली अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिस अवसर पर यह अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आयोजित किया गया है।

पुनौरा धाम बनेगा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र

भाजपा अध्यक्ष संजय सरावगी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि जिस प्रकार मिथिला के ‘पाहुन’ भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बना है, और जहां देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन को उमड़ रहे हैं, उसी तर्ज पर पुनौरा धाम में भी माता जानकी का भव्य मंदिर निर्मित होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल पुनौरा धाम ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मिथिला क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र बिंदु बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि गृहमंत्री अमित शाह प्रस्तावित भव्य मंदिर का शिलान्यास भी कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला की अनूठी पहचान, मखाना और मधुबनी पेंटिंग को विश्वव्यापी मंच प्रदान कर मिथिला का मान बढ़ाया है।

इस अवसर पर सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, गोपालजी ठाकुर, विधायक श्वेता गुप्ता, विधान पार्षद राखी देवी, सुनील कुमार पिंटू, बैजनाथ प्रसाद, गायत्री देवी और अनिल राम जैसे कई प्रमुख नेतागण उपस्थित थे। मंच संचालन कमला बाबू ने कुशलतापूर्वक किया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

सरावगी का भव्य स्वागत

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी के जगत जननी माता सीता की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम पहुंचने पर जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता के नेतृत्व में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और आमजन द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सरावगी ने लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निस्वार्थ प्रेम और अटूट विश्वास ही उनकी ऊर्जा का मूल स्रोत है।

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संस्कृति और कला का संगम

यह दो दिवसीय समारोह केवल अकादमिक चर्चाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा, जो मिथिला की समृद्ध कला और परंपरा को प्रदर्शित करेगा। यह आयोजन संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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