Satish Jha, बेनीपुर | बिहार – बेनीपुर नगर परिषद एक बार फिर भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन को लेकर चर्चा में है। इस बार नगर निगम दरभंगा के सहायक प्रशासक जयकुमार भी संदेह के घेरे में हैं। पिछले दो वर्षों से नगर परिषद में भ्रष्टाचार के मामलों ने सुर्खियां बटोरी हैं, और अब एक बार फिर इस पर सवाल उठने लगे हैं।
नगर परिषद की कार्य प्रणाली पर उठे सवाल:
नगर परिषद की कार्य प्रणाली में हो रहे धांधली और मनमानी को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन और विभागीय पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायतें की गई थीं। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने जून 2024 में स्थानीय पुलिस प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को लिखित सूचना देकर जान-माल का खतरा बताया था, और इसके लिए मुख्य पार्षद और सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
दीपक कुमार का अवकाश और जयकुमार का कार्यभार:
दीपक कुमार के चिकित्सीय अवकाश पर जाने के बाद, दरभंगा नगर निगम के सहायक प्रशासक जयकुमार को बेनीपुर नगर परिषद के कार्यों को सुधारने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, जयकुमार के कार्यकाल में भी विकास योजनाओं को लेकर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय पार्षदों द्वारा विभागीय योजनाओं को मनमानी तरीके से संचालित करने के आरोप भी सामने आए हैं।
साथ ही, विकास योजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया तीन बार निरस्त की गई, जबकि पहले की गई योजनाओं में कोई स्पष्टता नहीं थी। इसके अलावा, 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से संचालित होने वाली योजना के बारे में जब मीडिया ने जयकुमार से सवाल किया, तो उन्होंने सीधे तौर पर इस पर टालमटोल की नीति अपनाई।
चेक के अस्वीकृत होने की खबर:
सूत्रों के अनुसार, जब जयकुमार की जिम्मेदारी के दौरान बेनीपुर नगर परिषद में करोड़ों रुपये की राशि का घपला हुआ, तो बैंक ने कई चेक को वापस कर दिया। इस पर दीपक कुमार को जानकारी दी गई कि बैंक द्वारा चेक अस्वीकृत किए गए हैं।
इस संबंध में जब जयकुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया।
दीपक कुमार का बयान:
दीपक कुमार, वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी, ने बताया कि उन्होंने अभी तक अभिलेख का अवलोकन नहीं किया है। हालांकि, बैंक द्वारा कुछ चेक अस्वीकृत किए जाने की सूचना प्राप्त हुई है, और इसकी जांच की जा रही है।
निष्कर्ष:
बेनीपुर नगर परिषद में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के आरोप एक बार फिर सामने आए हैं। जयकुमार की कार्यप्रणाली और नगर परिषद के विकास कार्यों में मनमानी के खिलाफ सवाल उठ रहे हैं। इस स्थिति में दीपक कुमार के वापस लौटने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है, लेकिन वर्तमान में भ्रष्टाचार और कार्यप्रणाली को लेकर स्थानीय लोगों और मीडिया में कई सवाल उठाए जा रहे हैं।