दरभंगा कोर्ट का बड़ा फैसला: मोहम्मद राजीक को नशे के कारोबार में 10 साल की सजा। दोनार के मो. राजीक नशे के धंधे में दोषी, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा!23 मई को घर से मिला था नशा, कोर्ट ने सुनाया 10 साल का कारावास – जुर्माना 1 लाख!@दरभंगा, कोर्ट रिपोर्टर,देशज टाइम्स।
6 गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट का फैसला – 10 साल जेल, 1 लाख जुर्माना तय
नशीली दवा रखने वाला मोहम्मद राजीक अब जेल में! कोर्ट ने दी कठोर सजाकोर्ट ने दी कड़ी सजा – जुर्माना नहीं तो 3 महीने और जेल। सहारा इंडिया गली में चलता था नशे का धंधा! मोहम्मद राजीक को कोर्ट ने भेजा जेल। 6 गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट का फैसला – 10 साल जेल, 1 लाख जुर्माना तय@दरभंगा, कोर्ट रिपोर्टर,देशज टाइम्स।
Bullet Points: स्पेशल पीपी: चमकलाल पंडित
दोषी: मोहम्मद राजीक, निवासी सहारा इंडिया गली दोनार। बरामदगी की तिथि: 23 मई 2021। थाना: लहेरियासराय, अंतर्गत बेंता ओपी। सजा: 10 साल की सश्रम कारावास। जुर्माना: ₹1 लाख। मामला दर्ज: NDPS Act, FIR संख्या 268/2021। अभियोजन: 6 गवाह, स्पेशल पीपी: चमकलाल पंडित। भुगतान न करने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास।
दोनार के मोहम्मद राजीक को नशीली दवा कारोबार में 10 साल की सश्रम सजा NDPS Act Darbhanga Court News |
दरभंगा, कोर्ट रिपोर्टर,देशज टाइम्स। जिला सिविल कोर्ट दरभंगा से नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ सख्त सजा सुनाई गई है। जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार पांडेय की अदालत ने मोहम्मद राजीक, निवासी सहारा इंडिया गली दोनार, को 10 वर्ष की सश्रम कारावास तथा 1 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
23 मई 2021 को हुई थी बरामदगी
लहेरियासराय थाना क्षेत्र के अंतर्गत बेंता ओपी के सहायक अवर निरीक्षक उमेश उरांव को 23 मई 2021 को मोहम्मद राजीक के मकान से भारी मात्रा में नशीली दवा बरामद होने की सूचना मिली थी। इस आधार पर प्राथमिकी संख्या 268/2021 दर्ज की गई थी। मामला NDPS एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत दर्ज हुआ।
मामले की सुनवाई और अभियोजन पक्ष की कार्रवाई
ट्रायल GO 22/2021 के तहत संचालित किया गया। स्पेशल पीपी (Public Prosecutor) चमकलाल पंडित की देखरेख में 6 गवाहों की गवाही कराई गई। न्यायाधीश संतोष कुमार पांडेय ने सभी तथ्यों को सुनने के बाद दोष सिद्ध कर दस साल की सश्रम कारावास की सजा दी।
अर्थदंड नहीं चुकाने पर और तीन महीने की कैद
1 लाख रुपये अर्थदंड के साथ सजा सुनाई गई है। अगर दोषी अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है, तो उसे तीन महीने अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी, ऐसा निर्देश अदालत ने दिया।