Prabhash Ranjan, दरभंगा। साइबर ठगों ने मुंबई के चेंबूर थाने का पुलिस अधिकारी बनकर दरभंगा निवासी राकेश रौशन से 50 लाख 85 हजार रुपये की ठगी कर ली। घटना को लेकर पीड़ित ने साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
कैसे हुई ठगी?
- फोन कॉल से शुरुआत:
- 19 नवंबर को अज्ञात नंबर से राकेश रौशन के मोबाइल पर एक डिजिटल कॉल आया।
- कॉलर ने खुद को मुंबई के चेंबूर थाने का पुलिस अधिकारी बताया।
- झांसे में डालने की कहानी:
- कॉलर ने कहा, “आपका आधार कार्ड फ्रॉड हो गया है। आपने नरेश गोयल से पैसा लिया था, और आपके कैनरा बैंक खाते में फ्रॉड का पैसा है।”
- उसने आरोप लगाया कि राकेश के मोबाइल नंबर से लोगों को परेशान किया जा रहा है।
- डराने और झांसे की रणनीति:
- पीड़ित राकेश, जो पहले मुंबई में रहते थे और वहां के बैंकों में उनके खाते थे, ठगों की बातों में आ गए।
- ठगों ने जांच के नाम पर पैसे अपने खातों में ट्रांसफर करवाने की बात कही।
पैसे कहां गए?
ठगों ने पीड़ित को कई खातों में रकम ट्रांसफर करने को कहा:
- 35 लाख रुपये:
- आईसीआईसीआई बैंक, तारकेश्वर शाखा (शालिया एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड)।
- 5.85 लाख रुपये:
- बंधन बैंक, जोधपुर (श्रीनाथ लिमिटेशन ज्वेलरी)।
- 6 लाख रुपये:
- बंधन बैंक, भिलाई (मुकेश वेजिटेबल्स)।
- 4 लाख रुपये:
- बंधन बैंक, परबतसर शाखा (पन्ना राम)।
कुल मिलाकर 50 लाख 85 हजार रुपये चार बार के ट्रांजेक्शन में ठगों के खातों में भेजे गए।
पुलिस की कार्रवाई
- शिकायत दर्ज:
- ठगी के बाद राकेश ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई।
- साइबर थाना, दरभंगा में मामला दर्ज हुआ।
- आंशिक राशि होल्ड:
- साइबर थानाध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि 27 लाख रुपये होल्ड कर लिए गए हैं।
- बाकी रकम की रिकवरी और ठगों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।
सावधानी और सतर्कता के सुझाव
- आधिकारिक कॉल की पुष्टि:
- किसी भी अनजान कॉलर की बातों पर विश्वास न करें।
- संबंधित विभाग के आधिकारिक नंबर पर कॉल करके जानकारी की पुष्टि करें।
- पैसे ट्रांसफर न करें:
- किसी भी जांच या कानूनी प्रक्रिया के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग:
- ऐसी किसी भी घटना की तुरंत सूचना 1930 हेल्पलाइन पर दें।
- साइबर अपराध जागरूकता:
- स्थानीय स्तर पर साइबर क्राइम से बचाव के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
दरभंगा निवासी राकेश रौशन की घटना यह बताती है कि साइबर ठग कितने शातिर हो गए हैं।
पुलिस की शुरुआती कार्रवाई से 27 लाख रुपये होल्ड किए गए हैं, लेकिन ठगों के पूरे नेटवर्क को पकड़ना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
जनता को ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है।