गौतमाश्रम में रामकथा का दिव्य आरंभ! साध्वी भक्ति प्रभा ने कहा – “रामकथा कल्पवृक्ष है। रामकथा से मिटते हैं दुख, मिलती है शांति – गौतमाश्रम में जुटे सैकड़ों श्रद्धालु।गौतमाश्रम में रामकथा की गूंज! साध्वी दीदी ने कहा – “मिथिला जैसा प्रेम कहीं नहीं देखा”।88 हजार ऋषियों की तपोभूमि में रामकथा! बोले साध्वी – “यह स्थान खुद में चमत्कार है”88 हजार ऋषियों की तपोभूमि में रामकथा! बोले साध्वी – “यह स्थान खुद में चमत्कार है”@आंचल कुमारी,कमतौल-दरभंगा,देशज टाइम्स
गौतमाश्रम में रामकथा का शुभारंभ, दीदी भक्ति प्रभा ने कहा — “रामकथा देती है शांति और सकारात्मकता”
कमतौल/दरभंगा, देशज टाइम्स। तीर्थस्थल गौतमाश्रम में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ मंगलवार को हुआ। इस अवसर पर साध्वी दीदी भक्ति प्रभा ने कथा वाचन करते हुए कहा कि रामकथा सुनने से जीवन में मानसिक शांति, सकारात्मकता और दुखों का अंत होता है।
रामकथा मर्यादा, धर्म और कर्म का संदेश देती है – दीदी भक्ति प्रभा
उन्होंने कहा कि रामकथा मनुष्य को मर्यादा में रहना सिखाती है और जीवन के सत्य और धर्म का मार्ग दिखाती है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि यह कथा लोक और परलोक दोनों को सुधारने वाली होती है। रामकथा को उन्होंने “कल्पवृक्ष” की संज्ञा दी — जिससे मनुष्य अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है।
मिथिलावासियों का प्रेम भगवान राम के लिए अनुपम है
दीदी भक्ति प्रभा ने कहा कि मिथिला की भूमि से भगवान राम को जो प्रेम मिला, वह अद्वितीय है।उन्होंने बताया कि भगवान का प्रेम निष्काम और निस्वार्थ होता है — कोई अपेक्षा नहीं, कोई शर्त नहीं। कथा के दौरान उन्होंने भक्ति गीतों से भावनात्मक माहौल भी बनाया।
गौतमाश्रम में उमड़े श्रद्धालु, पावन धरा पर रामकथा का सौभाग्य
गोलोकवासी महंत महावीर शरण दास जी की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया गया। गौतमाश्रम की पवित्रता का उल्लेख करते हुए दीदी ने कहा –
“यह वही भूमि है जहां 88 हजार ऋषि-मुनियों ने तप किया। यहां रामकथा कहने का सौभाग्य विरले को मिलता है।”
आसपास के सैकड़ों श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ कथा सुनने पहुंचे।