आंचल कुमारी कमतौल। Darbhanga News|Kamtaul News| महर्षि गौतम की तपोस्थली के एक युग का अंत..,रामानंदी संत महावीर शरण दास जी महाराज हो गए ब्रह्मलीन| जहां, रामानंदी संत महावीर शरण दास जी महाराज का ब्रह्मलीन होना, तपोस्थली को पाट नहीं सकेगा। जहां, न्याय शास्त्र के प्रणेता का एक युग समाप्त हो गया। महर्षि गौतम की तपोस्थली में बाल्यकाल से वैराग्य का जीवन जीने (Ramanandi saint Mahavir Sharan Das Ji Maharaj passed away in Darbhanga) वाले करीब 85 वर्षीय रामानंदी संत महावीर शरण दास जी महाराज ने अधवारा समूह के खिरोई नदी के पावन तट पर विराजमान गौतमाश्रम में बीती रात ब्रह्मलीन को समर्पित हो गए।
अंतिम संस्कार वैष्णव सनातन परंपरा के अनुसार आश्रम परिसर उनके शिष्यों ने किया। रामानंदी संत महावीर शरण दास जी महाराजसहरसा जिला के नवहट्टा प्रखंड के रहने वाले थे। पिछले सत्तर वर्षों से आश्रम में रहकर आश्रम की देखरेख और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे थे।
गौतमाश्रम पीठ के ब्रह्मलीन महंत महावीर शरण दास के अंतिम दर्शन को लेकर इलाके के हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। इसमें उनके शिष्य और विभिन्न मठ-मंदिर के साधु संत भी शामिल थे। अपराह्न चार बजे साधु संतों की मौजूदगी आश्रम परिसर में अंतिम संस्कार समाधि दी गई। संत परंपरा के अनुसार जो भी नियम है, उसका पालन किया जाएगा। गुरुदेव भगवान के 13वीं संस्कार में मिथिलांचल सहित दूसरे प्रदेश और नेपाल के शिष्य शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार, आश्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि गुरुदेव भगवान काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज चल रहा था, इसी दौरान शुक्रवार की देर रात गुरुदेव भगवान का शरीर शांत हो गया। वैष्णव सनातन परंपरा के अनुसार और गुरुदेव भगवान की इच्छा के अनुरूप विधि विधान से गुरुदेव भगवान का अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रभु श्री रामलला उनको अपने चरणों में स्थान दें।
मौके पर जाले के विधायक सह पूर्व मंत्री जीबेश कुमार, महर्षि गौतम आश्रम न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय भारद्वाज सहित इलाके के सैंकड़ों गणमान्य लोग मौजूद थे। मन्दिर से जुड़े संत नारायण शरणदास जी ने बताया आज से 18 जुलाई तक के लिए अखंड संकीर्तन प्रारंभ हो गया है।