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15 मार्च, 2024
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Darbhanga News| पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक का यूं जाना….आरोह और अवरोह दोनों स्तब्ध…पखावज….ध्रुपद की दिव्य साधना मौन खड़ा है

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भारतीय शास्त्रीय संगीतकार। बाहरी दुनिया के लिए ध्रुपद परंपरा के दरभंगा घराने के एक प्रतिपादक। बतौर संस्थापक। हिंदुस्तानी गायन संगीत की सबसे पुरानी शैलियों में से एक। भारत सरकार के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित दरभंगा के ध्रुपद संगीत कला मर्मज्ञ पद्मश्री प्राप्त... ख्याल और ठुमरी के साथ ध्रुपद की अपनी चुनी हुई शैली में निपुण.... रामकुमार मल्लिक का यूं जाना। संगीत की आरोह और अवरोह दोनों को स्तब्ध कर दिया है। जहां, ध्रुपद के चार छंद...स्थाई-अस्थाई, अंतरा , संचारी और अभोग अपने आध्यात्मिक, वीर, विचारशील, सदाचारी, नैतिक ज्ञान का उदास हो जाना है। पखावज की ताल। ध्रुपद संगीत की दिव्य साधना आज मौन खड़ा है। देशज टाइम्स परिवार की ओर विनम्र नमनाजंलि...

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Darbhanga News| पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक का यूं जाना….आरोह और अवरोह दोनों स्तब्ध…पखावज….ध्रुपद की दिव्य साधना मौन खड़ा है दरभंगा घराने के पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक। दरभंगा के संगीतमय जगह के धरोहर। भीष्म पितामह। मर्मज्ञ संगीत की दुनिया (Ramkumar mallik passes away) के खास विशेषज्ञ अब हमारे बीच नहीं हैं।

Darbhanga News| पंडित राम कुमार मल्लिक का 73 साल की उम्र में निधन

पंडित राम कुमार मल्लिक का 73 साल की उम्र में निधन होना, संगीत जगत की बड़ी क्षति है। इसकी भरपाई असंभव है। असमर्थ है। निधन से दरभंगा की संगीतज्ञ पहचान में एक बड़ी क्षति है। जहां, पैतृक ग्राम आमता में उनका हृदय गति रुकना, संगीत जगत की बड़ी दु:खद घड़ी है।

Darbhanga News| बहेड़ी प्रखंड का अमता गांव, उसकी मिट्‌टी आज नम है

बहेड़ी प्रखंड का अमता गांव, उसकी मिट्‌टी आज नम है। अमता, जहां की संगीत की पीढ़ी बढ़ते यहां तक पहुंचा, वहीं, 1957 जन्मे रामकुमार मल्लिक के रूप में आज 12वीं पीढ़ी नहीं रहीं। पंडित राम कुमार मल्लिक को ध्रुपद संगीत अपने पिता और विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद गायक पंडित विदुर मल्लिक से लेकर दादा लेफ्टिनेंट पंडित सुखदेव मल्लिक ध्रुपद से विरासत में मिला।

Darbhanga News| उत्कृष्ट संगीत और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान, उनकी अर्जित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार

गायन अद्वितीय, समृद्ध रचनाओं के भंडार, खंडारवानी और गौरहरवानी के अलावा मीर, गमक, लयकारी और तिहायियों की विविधता के साथ उत्कृष्ट संगीत और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान, उनकी अर्जित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार उस गुरु को समर्पित रहा है, जहां, पंडित विदुर मल्लिक के पुत्र अपने जीवन का आलाप लिया।

Darbhanga News| देशज टाइम्स परिवार की ओर से विनम्र नमनाजंलि…।

गायन की उनकी ध्रुपद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सबसे प्राचीन और शक्तिशाली शैली आध्यात्मिक युग से जुड़ी उनकी कलाकारी ध्रुपद संगीत के दिव्य साधक के अब दो पुत्री रुबी, रिंकी, चार पुत्र संतोष, समित, साहित्य और संगीत मल्लिक के आगे आने और विरोसत की ध्रुपद गायकी को विस्तारित करने की जवाबदेही देकर अनंत में लौट गए हैं। देशज टाइम्स परिवार की ओर से विनम्र नमनाजंलि…।

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