आम के पेड़ से बड़ी संख्या में टिकोले गिरने से फल उत्पादक किसान चिंतित हैं। खबर फिलहाल दरभंगा के जाले प्रखंड की है। इस आलोक में जाले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने आम के बागों बगीचा का दौरा कर बताया कि दरभंगा जिला समेत सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर आदि जिले में आम की फसल पर फ्रूट ब्रोरर यानी, फल छेदक, कीट का व्यापक प्रकोप देखा जा रहा (Red banded borer attack on mango growers) है।
गत दो वर्षो से भारी वर्षा एवं वातावरण में अत्यधिक नमी होने की वजह से इस कीट का व्यापक प्रकोप देखा जा रहा है । आम के फल में इस किट रोग से बचाव के संदर्भ में कृषि विज्ञान केंद्र जाले के केंदाधीक्षक डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया की किसान भाई, समय से इस कीट का प्रबंधन नही किया गया तो भारी नुकसान होने की संभावना है। ये कीड़ा लार्वा के रूप में दो सटे हुए आम के फलों पर लगता है। आम का जो भाग सटा हुआ होता है उसी इसका कुप्रभाव होता है।
शुरुआत में ये आम के फल पर काला धब्बा जैसा दाग डाल देता है। यदि समय से इसकी रोकथाम नहीं की गई तो ये फल को छेद कर अंदर से सड़ा देता है,जो कुछ ही दिनों में गिर जाता है। इस रेड बैंडेड मैंगो कैटरपिलर भी कहते है।
रेड बैंडेड मैंगो कैट आम के फल को इस कीट से बचाने के लिए आवश्यक है की बाग़ से सड़े गले और गिरे हुए फल को बाग से इकट्ठा कर बाहर लेजाकर नष्ट कर दें।
अगर संभव हो तो फल की बैगिंग कर दें इस कीट के प्रबंधन के लिए क्लोरीनट्रानिलिप्रोएल (कोरिजन) 0.4 मिली प्रति लीटर पानी या इमामेक्टिन बेंजेट 0.4 ग्राम या डेल्टामेथ्रिन 28 ई.सी.1 मिली./लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से इस कीट की उग्रता में कमी लाई जा सकती है।आम के फल के मटर के बराबर होने पर ही इस घोल का छिड़काव करे और दो सप्ताह बाद पुनः दोहराएं।