back to top
9 जनवरी, 2024
spot_img

Good News Alert अब यूनिवर्सिटी से Retired Teacher को मिलेगा पैसा, शिक्षा विभाग ने दे दिए 378 करोड़, जानिए LNMU – KSDSU को कितने की मिली सौगात

spot_img
spot_img
spot_img

Darbhanga/Patna | राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को नवंबर और दिसंबर 2024 तक के सेवांत लाभ का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु 378.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने इस राशि का उपयोग शिक्षकों और कर्मचारियों के पेंशन और अन्य देयों के भुगतान के लिए निर्देशित किया है।


किस विश्वविद्यालय को कितनी राशि मिली?

विश्वविद्यालय आवंटित राशि (करोड़ रुपये)
पटना विश्वविद्यालय 23.02
मगध विश्वविद्यालय, बोधगया 73.94
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर 55.24
जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा 22.82
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा 29.14
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा 23.58
तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर 19.95
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा 53.84
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय 39.62
मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पटना 1.14
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना 24.94
पूर्णिया विश्वविद्यालय 6.68
मुंगेर विश्वविद्यालय 5.78
यह भी पढ़ें:  ₹134.67 करोड़, 11 जनवरी, दोनार आरओबी... CM NITISH KUMAR के ' प्रगति ' पथ पर दरभंगा

नई शिक्षा नीति (एनईपी) पर कालेज और विश्वविद्यालयों के लिए सख्ती

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को आगाह किया है कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुपालन में ढिलाई बरतने वाले संस्थान 2025-26 के वित्तीय वर्ष से अनुदान की प्राथमिकता से बाहर हो सकते हैं।

एनईपी अनुपालन की स्थिति

  1. क्रेडिट फ्रेमवर्क
    • स्नातक स्तर पर क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू किया गया है, लेकिन स्नातकोत्तर स्तर पर अब भी क्रियान्वयन शिथिल है।
  2. पुराने ढर्रे पर विश्वविद्यालय
    • अधिकांश विश्वविद्यालयों में यूजीसी के निर्देशों के बावजूद सुधार नहीं दिख रहा है, जिससे छात्रों को समय पर शिक्षा सुधारों का लाभ नहीं मिल पा रहा।
यह भी पढ़ें:  बहेड़ा में 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का होगा निर्माण, मकर संक्रांति के बाद काम में लगेगा हाथ, रास्ता साफ

यूजीसी द्वारा मांगी गई जानकारी के मुख्य बिंदु

संस्थानों को एनईपी के 49 बिंदुओं पर जवाब देना होगा, जैसे:

  1. शिक्षकों के स्थायी पद:
    • क्या 75% स्थायी पद भरे गए हैं?
  2. प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत नियुक्तियां।
  3. कोर्स में फ्लेक्सिबिलिटी:
    • किसी भी समय दाखिला लेने और छोड़ने की व्यवस्था।
  4. भाषा विकल्प:
    • क्या कोर्स दूसरी भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जा रहे हैं?
  5. शोध और इंटर्नशिप:
    • शोध को बढ़ावा देने और उद्योगों के साथ इंटर्नशिप कार्यक्रम।
यह भी पढ़ें:  Darbhanga News: मुश्किल में फंसे Darbhanga के कलेक्टर, सीओ और SHO, Patna High Court ने हाजिर होने का दिया आदेश,

निष्कर्ष

बिहार में उच्च शिक्षण संस्थानों को एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन और यूजीसी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। अन्यथा, यह उनकी रैंकिंग और वित्तीय सहायता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। क्या आपके स्थानीय संस्थान इन नियमों का पालन कर रहे हैं? अपनी राय साझा करें।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें