
दरभंगा में राजस्व महाअभियान की खुली पोल! विज्ञापन में वादे, जमीनी हकीकत शून्य, जमाबंदी वितरण सिर्फ कागज़ों पर! राजस्वकर्मी लापता, रैयत परेशान,राजस्व महाअभियान का सच: अखबारों में विज्ञापन, गांवों में सन्नाटा, बहेड़ी के RTI कार्यकर्ता ने खोली पोल – राजस्वकर्मियों पर कार्रवाई की मांग@दरभंगा,देशज टाइम्स।
दरभंगा में सरकारी आदेश की धज्जियां! राजस्वकर्मी नहीं पहुंचे गांव, रैयतों की नाराजगी बढ़ी– रैयत ठगा महसूस कर रहे
सरकारी आदेश की धज्जियां! राजस्वकर्मी नहीं पहुंचे गांव, रैयतों की नाराजगी बढ़ी, छठे दिन भी नदारद राजस्वकर्मी – महाअभियान का धरातल पर कोई असर नहीं, जमाबंदी से लेकर दाखिल-खारिज तक सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति – रैयत ठगा महसूस कर रहे@दरभंगा,देशज टाइम्स।
दरभंगा में राजस्व महाअभियान की धज्जियां, RTI कार्यकर्ता प्रेमनाथ सिंह ने डीएम कौशल कुमार से की शिकायत
दरभंगा, देशज टाइम्स | सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महाअभियान में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। सरकारी विज्ञप्तियों में प्रतिदिन अखबारों के माध्यम से आम जनता को जानकारी दी जा रही है, लेकिन धरातल पर राजस्वकर्मी कहीं सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं।
नियमों का अनुपालन नहीं
विज्ञापन की कंडिका 1 से 6 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि –
राजस्वकर्मी रैयतों के घर जाकर जमाबंदी की प्रति वितरित करें। प्रति देने के बाद रैयत से हस्ताक्षर लें। उत्तराधिकार, दाखिल-खारिज, बंटवारा आदि के फॉर्म रैयतों को घर पर उपलब्ध कराएं। साथ ही, उन्हें सलाह दें कि आवेदन तैयार रखें जिसे शिविर में संग्रह किया जाएगा। लेकिन शिकायत है कि इनमें से कोई भी कार्य अब तक नहीं किया गया है।
RTI कार्यकर्ता ने उठाई आवाज
बहेड़ी के आरटीआई कार्यकर्ता प्रेमनाथ सिंह ने गुरुवार को डीएम दरभंगा कौशल कुमार को आवेदन पत्र सौंपकर संबंधित राजस्वकर्मियों पर सरकारी आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की है कि दोषी कर्मचारियों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
किन क्षेत्रों में लापरवाही?
शिकायत में उल्लेख है कि बहेड़ी अंचल के मौजा सिरुआ मनोर, दुबौली, ठाठोपुर, और हनुमाननगर अंचल के पटोरी, कोलहंटा, रुपौली आदि इलाकों में अभियान के छठे दिन तक भी किसी तरह की गतिविधि नहीं हुई।
जनता में रोष, राजस्व महाअभियान की मंशा पर सवाल
सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रचार और जमीन पर नदारद राजस्वकर्मियों के रवैये से जनता और कार्यकर्ता आहत हैं। लोगों का कहना है कि यदि इस तरह की लापरवाही जारी रही तो राजस्व महाअभियान की मंशा ही विफल हो जाएगी।