Madhubani की रिंकी कुमारी, “बद”Darbhanga, “नाम” Samastipur @आटा चक्की में@पूरा Darbhanga प्रमंडल, जहां आखिर ये दलाली रोकेगा कौन? सिस्टम में पारदर्शिता लाएगा कौन? चुनाव का समय है। वह भी देश की विरासत को बचाने और सहेजने का वक्त। ऐसे में मुद्दे कई उछल रहे लेकिन यह मुद्दा गौण है जहां भ्रष्टाचारी को जेल की सजा तो है, लेकिन सिस्टम जेल जाने की नौबत ही ना पैदा करे, इसकी जवाबदेही कौन तय करेगा? कोई है, जो आगे बढ़कर आए और कहे, इस सिस्टम की छेद को मैं बंद करूंगा…मैं घूसखोरी की सिस्टम पर ब्रेक लगाऊंगा।
Darbhanga News। सिस्टम पर यह बदनुमा दाग आखिर साफ करेगा कौन?
सवाल यह नहीं है कि रिंकी कुमारी जैसी और उसके अधिकारी जैसे या कुशेश्वरस्थान के बैंक प्रबंधक जैसे लोग आज पकड़े गए हैं। ऐसे कई हैं, जो सरकारी दफ्तरों, बैंकों में कुंडली मारे बैठे हैं। जनता की चप्पलें घीस रहीं, पीट रहीं, मगर सुनने वाला कोई नहीं है। सिस्टम पर यह बदनुमा दाग आखिर साफ करेगा कौन? सवाल यहीं से जिसका जवाब शायद सरकार और फिलहाल चुनाव लड़ रहे हमारे तथाकथित नेताओं के पास भी नहीं है।
Darbhanga News। फिलहाल अगर कहीं से उम्मीद की किरण दिख रही तो वह है, न्यायपालिका
देश की मर्यादा जिन चार कंधों पर टिकी है। उसमें फिलहाल अगर कहीं से उम्मीद की किरण दिख रही तो वह है, न्यायपालिका। न्यायपालिका के भरोसे देश आखिर कब तक ऐसे बेइमानों को ढ़ोता रहेगा जो जनता की उपेक्षा और उनकी जरूरतों को पूरा करने के बदले रिश्वत लेते हैं। धनकुबेर बने बैठे हैं।
Darbhanga News। पूरे सिस्टम पर दाग। बिजली की रौशनी में पूरा अंधेरगर्दी
कहते हैं ना, एक सड़ा आम पूरी टोकरी को सड़ा देता है। एक घूसखोर पूरे समाज को शर्मसार कर देता है। यहीं हैं, मधुबनी की रिंकी कुमारी। दलाली का ऐसा चस्का। अपने अधीनस्थ, अपने साथ के अधिकारी और कर्मचारियों की भी औकात बाहर निकालती। पूरे सिस्टम पर दाग। बिजली की रौशनी में पूरा अंधेरगर्दी जहां से आज पूरा दरभंगा का नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और इसका दरभंगा ग्रामीण विद्युत कार्यालय शर्मसार खड़ा है। वह भी सिर्फ चंद अधिकारियों और उनके दलालों के कारण।
Darbhanga News। सब मिलकर पूरे दरभंगा प्रमंडल को बदनाम कर चला गया
एक मामूली लाइनमैन। जो कभी फिल्ड में नहीं जाती थी। मधुबनी के सकरी की रहने वाली रिंकू कुमारी के बूते ही भागलपुर के नारायणपुर गांव का रहने वाला और दरभंगा प्रमंडल को शर्मसार कर सलाखों में पहुंचा कार्यपालक अभियंता अजित कुमार और पटना का रहने वाला बाबा की नगरी कुशेश्वरस्थान को गंदा कर जाने वाला सेंट्रल बैंक मैनेजर गुड्डू रजक, सब मिलकर पूरे दरभंगा प्रमंडल को बदनाम कर चला गया जहां…
Darbhanga News। तो रिश्वतखोरी की चटनी परोस और खा रहा था, उसका पटाक्षेप नहीं होता, अनिल को सैल्यूट है, जिसने रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई।
समस्तीपुर जिले के खानपुर रेवढ़ा के अनिल कुमार की शिकायत पर पूरे खेल का पर्दाफाश हुआ है। अगर, आटा चक्की के लिए बिजली कनेक्शन का आवेदन अनिल नहीं देते, तो शायद अर्से से कार्यपालक अभियंता अजित कुमार ने जिस तरीके महिला को मोहरा बनाकर रिश्वतखोरी की चटनी परोस और खा रहा था, उसका पटाक्षेप नहीं होता। ऐसे, समाज के अनिल को सैल्यूट है, जिसने रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई।
Darbhanga News। रिंकू कुमारी इतनी बड़बोली, ऐंठन में रहती थी कि वह
इस बात की ताकीद किसी भी वरीय बिजली के अधिकारियों ने नहीं की कि आखिर एक लाइनमैन का कार्यालय के भीतर बैठाकर क्यों रखा गया। कहा जा रहा है, यह महिला रिंकू कुमारी इतनी बड़बोली, ऐंठन में रहती थी कि वह उपभोक्ताओं की एक ना सुनती थी। अरे उपभोक्ताओं की छोड़िए, बिजली विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मियों के मुंह तक नहीं देखना चाहती।
Darbhanga News। तो, सवाल उन अधिकारियों और कर्मियों से भी, क्यों
तो, सवाल उन अधिकारियों और कर्मियों से भी, क्यों इतने दिनों तक मुंह का खामोश सील लिया था, क्यों नहीं अपने ऊपर और ऊपर उससे भी ऊपर के अधिकारियों तक यह बात पहुंचाई, क्यों रिश्वतखोरी का खुलेआम खेल देखते रहे। अगर, ऐसे ही सभी अधिकारी और कर्मी सरकारी दफ्तारों में मुंह पर ताला लगाए रहेंगे तो फिर हमारे समाज, प्रदेश और देश के बारे में कौन सोचेगा?
Darbhanga News। क्यों जब एजेंसी बड़ी कार्रवाई करती है तो पेट फटने लगता है।
अब अगर, डीएमसीएच परिसर में बिचौलियों के मिलने और अंजान व्यक्तियों पर नजर रखने की बात अस्पताल प्रशासन कर रहा है, तो सवाल उनसे भी। क्या डीएमसीएच परिसर में दलाली का खेल नया है। फिर अब कार्रवाई की बात क्यों, पहले क्यों नहीं? उससे पहले क्यों नहीं? क्यों ये सिस्टम बन रहा, जब भी निगरानी, सीबीआई या अन्य कोई जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई करती है तो पेट फटने लगता है। कार्रवाई करने की बात शुरू हो जाती है।
Darbhanga News। चल ही रहा है, चल क्या रहा दौड़ रहा?
वैसे, कुशेश्वरस्थान में निगरानी की जो कार्रवाई बुधवार को दिखी। उसका दृश्य कोई बाबा की नगरी वालों के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी, दो बैंक के शाखा मैनेंजर और यहां तक कि मुखिया पुत्र निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं, बावजूद रिश्वतखोरी है। चल ही रहा है, चल क्या रहा दौड़ रहा?
Darbhanga News। जनता मर रही मरने दो…कफन भी फ्री में दो, राशन की दुकानों पर बांट दो…
आखिर….इस चुनाव में सिर्फ बातें होंगी। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम कहीं के भी कोई भी रिश्वत खोर हों, भ्रष्टाचारी हों उन्हें जेल या बेल की शरण में जाना ही पड़ेंगा, अरे ये क्यों नहीं कहते, इस सिस्टम को ही सफेद कर दूंगा…ताकि जनता को ऐसे भ्रष्टाचारियों के दर्शन किसी भी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में दर्शन ही ना हो। सीधे हाथों से जनता का काम हो…। मगर ये करेगा कौन, आगे बढ़ेगा कौन? अगर, नहीं कर सकते तो फिर….? जनता मर रही मरने दो…कफन भी फ्री में दो, राशन की दुकानों पर बांट दो…