दरभंगा सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र: बदहाल व्यवस्था और लापरवाही का आलम, खुले में दवाई, इलाज नदारद, देशज टाइम्स में छपी तस्वीर एकबार पहले गौर से देखिए, फिर खबर पढ़िए…
दरभंगा, 11 दिसंबर 2024:
जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। भवन और संसाधनों की कमी के कारण यह स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों के लोगों को चिकित्सा सेवाएं देने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है।
स्वास्थ्य केंद्र की समस्याएं
- गंदगी का अंबार:
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई की भारी कमी है।- शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि कोई भी इसका इस्तेमाल करने से कतराता है।
- अस्पताल परिसर में हर ओर गंदगी फैली हुई है।
- पेयजल की अनुपलब्धता:
- केंद्र में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है।
- मरीज और स्वास्थ्य कर्मी पानी के लिए परेशान रहते हैं।
- दवा भंडारण की समस्या:
- दवा भंडार छोटा और असुविधाजनक है।
- दवाओं के कार्टन खुले में पड़े हैं, जिससे लाखों की दवाएं खराब हो रही हैं।
- स्टाफ की लापरवाही:
- चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमाशंकर प्रसाद को छोड़कर बाकी अन्य स्टाफ के क्या कहने।
- लोगों की शिकायत है कर्मी समय पर नहीं आते, जिससे मरीजों को भारी परेशानी होती है।
प्रशासन का रवैया
दरभंगा के सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार ने इन समस्याओं की पुष्टि करते हुए कहा:
“हमें यहां की स्थिति की जानकारी मिली है। जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाएगा। उपस्थिति पंजी और अन्य व्यवस्थाओं की जांच कर लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों की शिकायतें
स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आए ग्रामीणों का कहना है कि:
- “हम इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां की गंदगी और अव्यवस्था से परेशान हो जाते हैं।”
- पेयजल और दवाओं की कमी से मरीजों को अक्सर इलाज के लिए निजी क्लीनिक का रुख करना पड़ता है।
समाधान की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है:
“स्वास्थ्य केंद्रों की यह स्थिति केवल संसाधनों की कमी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। यदि सही समय पर निगरानी और कार्रवाई की जाए तो इन समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है।”
निष्कर्ष: भवन, संसाधन, स्वच्छता, दवाई कुव्यस्था की भेंट
दरभंगा सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है। प्रशासन को इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए भवन, संसाधन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। ग्रामीण इलाकों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें, इसके लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।