back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 24, 2025

प्रभु राम की नगरी अयोध्या के साधु-संत जनक नंदी जानकी की मिथिला के आतित्थ्य से गदगद

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

आंचल कुमारी। कमतौल: मिथिला की प्राचीन परंपरा और अतिथि सत्कार ने श्रीराम बरात में शामिल साधु-संतों को भाव-विभोर (Sadhus and saints of Ayodhya in Darbhanga are thrilled with the hospitality of Mithila) कर दिया। अयोध्या से आई इस धार्मिक यात्रा में शामिल हुए साधु-संतों ने कहा कि मिथिला की संस्कृति और रीति-रिवाज अतिथियों को जो सम्मान और स्नेह प्रदान करते हैं, वह अनूठा और अभिभूत करने वाला है।

- Advertisement - Advertisement

मिथिला की अतिथि सत्कार पर मुग्ध हुए श्रीराम बारात में आए संत: आया विहिप मंत्री का सुखद, बड़ा बयान

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री सह श्रीराम बरात यात्रा के संयोजक राजेंद्र सिंह पंकज ने अहल्यास्थान से बेनीपट्टी के लिए प्रस्थान करते समय मीडिया से कहा:

“श्रीराम के आदर्शों और संस्कारों को समाज में जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से हर पांच वर्ष में अयोध्या से जनकपुर तक श्रीराम बरात यात्रा निकाली जाती है।”

- Advertisement - Advertisement

उन्होंने कहा कि यह यात्रा भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृतियों को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  बिरौल Murder Case: हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास, न्याय की जीत!

यात्रा का रूट और स्वागत-सत्कार

  1. श्रीराम बरात यात्रा रूट:
    • अयोध्या से प्रस्थान: 26 नवंबर
    • मार्ग: आजमगढ़, बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पुपरी होते हुए अहल्यास्थान।
    • अंतिम गंतव्य: जनकपुर धाम (3 दिसंबर)।
  2. अहल्यास्थान पर स्वागत:
    • प्रतीकात्मक दूल्हा श्रीराम और बारातियों का मिथिला के रीति-रिवाजों से स्वागत किया गया।
    • भावपूर्ण परंपराएं अतिथियों को भाव-विह्वल कर देती हैं।
यह भी पढ़ें:  Darbhanga Health News: दरभंगा में स्वास्थ्य सेवाओं का महामंथन, बनेंगे 60 हजार नए आयुष्मान कार्ड

जनकपुर धाम में वैवाहिक रस्में

  • 3 दिसंबर: जनकपुर धाम आगमन।
  • 6 दिसंबर:
    • श्रीसीताराम विवाह की रस्मों का आयोजन।
    • हजारों श्रद्धालु इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
  • 7 दिसंबर:
    • एक दर्जन से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जाएगा।
  • 8 दिसंबर:
    • जनकपुर से प्रस्थान।
    • वीरगंज और गोरखपुर होते हुए 9 दिसंबर को अयोध्या वापसी।
यह भी पढ़ें:  दरभंगा कांग्रेस ने जननायक, शिक्षा के पुरोधा, मिथिलांचल के सपूत डॉ. नागेंद्र झा को किया याद, सादगी को नमन

संस्कृति और आदर्शों की झलक

राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा कि श्रीराम की मर्यादा और आदर्श समाज को शिक्षित करने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। श्रीराम विवाह के माध्यम से इन संस्कारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मिथिला के आतिथ्य और परंपराओं ने अयोध्या से आए साधु-संतों को गहरी छाप दी है। यह यात्रा भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने का एक प्रेरणादायक प्रयास है।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

रसिका दुग्गल ने खोली ‘मिर्ज़ापुर’ के इंटीमेट सीन्स की पोल, बताया कैसे शूट होते थे अंतरंग दृश्य!

Rasika Dugal News: मिर्जापुर में डिंपी पंडित के साथ अपने बेबाक और बोल्ड अवतार...

Avatar Fire and Ash: भारतीय बॉक्स ऑफिस पर ‘अवतार: फायर एंड ऐश’ ने मचाया तहलका, तोड़े कई बड़े रिकॉर्ड!

Avatar Fire and Ash: हॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक 'अवतार: फायर...

69 की उम्र में भी ‘झक्कास’ हैं अनिल कपूर, कायम है हिट मशीन का जलवा!

Anil Kapoor News: बॉलीवुड के 'झक्कास' एक्टर अनिल कपूर आज भी अपनी एनर्जी और...

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जबरदस्त जीत! श्रीलंका को दूसरे टी20 में 7 विकेट से रौंदकर सीरीज पर जमाई धाक!

Indian Women's Cricket Team: मैदान पर उतरते ही भारतीय महिला टीम ने जो गर्जना...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें