मुख्य बातें: सकरी पानी में सरक रही है। सकरी में सड़क दिखती नहीं। सिर्फ दिखता है तो कीचड़ और जलजमाव। लोग चले किधर से। जलजमाव में फंसी सकरी और सड़क पर दो फीट जमा है लबालब पानी। या तो मधुबनी जाइए या फिर दरभंगा के लिए निकलिए। यहां पैदल चलना भी खतरनाक बना हुआ है। राहगीरों के परेशानी की सबब को समझने वाला कोई नहीं। दोपहिया वाहन चालक और पैदल वाले राहगीर, आए दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। मगर फर्क किसे पड़ रहा। पढ़िए बसंत कुमार झा की मनीगाछी से देशज टाइम्स ब्यूरो के लिए यह रिपोर्ट।
सकरी चौक के नजदीक मधुबनी की ओर जाने वाली मुख्य सड़क में बैंक ऑफ इंडिया के निकट जलजमाव एवं कीचड़ लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
लंबे समय से लोग इस कीचड़ व बदबूदार पानी वाले सड़क पर ही आवागमन कर रहे हैं। हल्की सी भी बारिश में यह समस्या और गंभीर रूप धारण कर लेती है। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से इस सड़क पर लगभग दो फीट पानी जमा हुआ है।
जलजमाव के कारण उक्त सड़क में बने छोटे-मोटे गड्ढे अब चौड़े होने लगे हैं। इस कारण यहां से पैदल गुजरना भी राहगीरों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। मधुबनी जिला मुख्यालय को एनएच 57 फोरलेन सड़क से जोड़ने वाली इस मुख्य सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियां गुजरती हैं।
स्थानीय लोगों ने देशज टाइम्स को बताया कि मधुबनी शहर को एनएच से जोड़ने वाली मुख्य सड़क होने के कारण अक्सर विभागीय अधिकारी इस सड़क से गुजरते हैं। शासन-प्रशासन, स्थानीय विधायक, सांसद एवं पंचायत प्रतिनिधियों से जलनिकासी की समुचित व्यवस्था की गुहार लगा चुके हैं। बाबजूद, अभी तक किसी ने कुछ नहीं किया।
मो. इरफान, बरकत अली, राजकुमार साहू, पंकज महतो, मो. उजाले, उमेश राम सहित अनेक लोगों ने विभागीय अधिकारियों से जलजमाव से निजात दिलाकर सड़क को आवागमन के अनुकूल बनाए जाने की मांग की है।
एक नई सोच कमेटी सकरी के अध्यक्ष मो.अयाज रुमी बताते हैं कि खराब सड़क और जलजमाव के लिए हमारे जनप्रतिनिधि मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। वर्षा से पहले न तो नालों की सफाई की जाती है। और, न ही भविष्य को ध्यान में रखकर नाली का निर्माण कराया जाता है। यूं समझें कि सरकारी राशि को जल्दी कैसे खर्च करना है यह सोचकर काम कराया जाता है।