Darbhanga News: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में पिछले तीन दिनों से कामकाज ठप पड़ा है। कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर मोर्चा खोल रखा है, जिससे विश्वविद्यालय का माहौल गरमाया हुआ है। विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि एक विभागाध्यक्ष को उनके ही कार्यालय में आधे घंटे तक बंद कर दिया गया। आखिर क्या है पूरा मामला, जो विश्वविद्यालय में इस कदर हंगामा मचा हुआ है?
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसके चलते शैक्षणिक और प्रशासनिक, दोनों ही तरह के कार्य पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। छात्रों को अपने विभिन्न कार्यों के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन पर मांगों को पूरा करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
कर्मचारियों का उग्र प्रदर्शन और तालेबंदी
कर्मचारियों का गुस्सा तीसरे दिन उस वक्त चरम पर पहुंच गया, जब प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने एक विभागाध्यक्ष को उनके कार्यालय में ही बंद कर दिया। यह घटना लगभग आधे घंटे तक चली, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल बन गया। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते उन्हें यह कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है।
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कर्मचारियों की मुख्य रूप से 11 सूत्री मांगें हैं, जिनमें वेतन विसंगति, पदोन्नति, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, और अन्य सेवा संबंधी मुद्दे शामिल हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन लंबे समय से उनकी इन जायज मांगों को अनसुना कर रहा है, जिससे वे आंदोलन करने पर मजबूर हुए हैं।
प्रशासन और कर्मचारियों के बीच गतिरोध
इस गतिरोध के कारण विश्वविद्यालय के दैनिक कार्यों पर गहरा असर पड़ रहा है। परीक्षाएं और नामांकन जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं भी बाधित होने की आशंका है। जब तक कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं किया जाता, तब तक उनके आंदोलन जारी रखने की बात कही जा रही है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है और कब तक यह गतिरोध समाप्त होता है।







