Darbhanga News: सुघराइन की सड़क के लिए “खुली धमकी”, नहीं डालेंगे वोट, करेंगे बहिष्कार
मुख्य बातें:
- वोट बहिष्कार का ऐलान: सुघराईन पंचायत के लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव में सड़क निर्माण की मांग पूरी न होने तक वोट न देने का फैसला किया है।
- सड़क निर्माण की मांग: पंचायत के विकास के लिए ग्रामीणों ने एसएच-56 फकदौलिया से कमला बलान नदी तक बारहमासी सड़क निर्माण की मांग की है।
- संघर्ष कमिटी का गठन: पंचायत के लोगों ने इस मांग को पूरा कराने के लिए एक संघर्ष कमिटी का गठन किया है, जिसमें एक दर्जन से अधिक सदस्य शामिल हैं।
- ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा: ग्रामीणों ने अपनी मांग को मुखर रूप से रखते हुए इस नारे के साथ एकजुटता दिखाई।
- राजनीतिक उपेक्षा पर नाराजगी: ग्रामीणों ने सुघराईन पंचायत को राजनीतिक रूप से उपेक्षित बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की और विकास के अधिकार की मांग की।
प्वाइंटर्स:
- पंचायत की जनता की ओर से सड़क निर्माण की मांग के लिए वोट बहिष्कार का ऐलान।
- प्रखंड मुख्यालय से सुघराईन तक बारहमासी सड़क का निर्माण मुख्य मांग।
- संघर्ष कमिटी द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी।
- ग्रामीणों का नारा: ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’।
- राजनीतिक उपेक्षा को लेकर नाराज ग्रामीण।
हुक्स:
- “जब तक सड़क नहीं, तब तक वोट नहीं: सुघराईन पंचायत के लोगों की हुंकार।”
- “सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों का बड़ा फैसला—वोट बहिष्कार!”
- “विकास की अनदेखी पर ग्रामीणों की नाराजगी, संघर्ष कमिटी का गठन।”
- “राजनीतिक उपेक्षा के खिलाफ सड़क की मांग, ग्रामीणों का एकजुट आंदोलन।”
कुशेश्वरस्थान प्रखंड की सुघराईन पंचायत के निवासियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का ऐलान किया। यह निर्णय पंचायत के मुलभूत विकास की अनदेखी और अदत्त सड़क निर्माण की मांग को लेकर लिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक वे चुनाव में भाग नहीं लेंगे।
पंचायत के विकास में सड़क की भूमिका
सुघराईन उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित इस बैठक में पंचायत के विभिन्न गांवों के लोगों ने भाग लिया और पंचायत के विकास में बाधक बनी एक अदत्त सड़क पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने इस मुद्दे पर एकजुटता जताते हुए पंचायत को राजनीतिक रूप से उपेक्षित बताया।
‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा
बैठक में उपस्थित लोगों ने प्रखंड मुख्यालय से सुघराईन तक कोई बारहमासी सड़क नहीं होने पर नाराजगी जताई और ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का नारा दिया। ग्रामीणों की मुख्य मांग एसएच-56 फकदौलिया से पेय पोखर होते हुए जिरौना के रास्ते लक्ष्मिनिया और सुघराईन से कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध तक बारहमासी सड़क का निर्माण है।
संघर्ष कमिटी का गठन
बैठक के दौरान ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। राम भजन यादव, चंद्र वली यादव, सिकंदर यादव, शिवशंकर यादव, राम बिनोद पोद्दार, प्रभाकर यादव, राम प्रवेश यादव, राधे राय और बाल कृष्ण अरविंद जैसे वक्ताओं ने इस संघर्ष में भागीदारी की। इसके साथ ही, एक संघर्ष कमिटी का गठन किया गया जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों को शामिल किया गया है, जो इस मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
राजनीतिक उपेक्षा का मुद्दा
ग्रामीणों ने इस बात पर जोर दिया कि सुघराईन पंचायत को लगातार राजनीतिक रूप से उपेक्षित किया गया है, और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण वहां के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह सड़क सिर्फ विकास का प्रतीक नहीं है, बल्कि उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्य संदेश:
- सड़क निर्माण की मांग: पंचायत को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण ग्रामीणों के लिए प्रमुख आवश्यकता है।
- वोट बहिष्कार: इस मांग के पूरा न होने पर ग्रामीणों का विधानसभा चुनाव में वोट न देने का फैसला।
- संघर्ष कमिटी: ग्रामीणों ने अपनी मांग को मजबूती से उठाने के लिए कमिटी का गठन किया है।