सिंहवाड़ा, दरभंगा। नगर पंचायत भरवाड़ा में पतंजलि होलसेल स्टोर से हुई चोरी की वारदात को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि कटाशा गांव में एक और बड़ी चोरी की घटना ने ग्रामीणों और व्यापारियों में दहशत फैला दी है। इस बार चोरों ने पंकज कुमार महतो के घर को निशाना बनाया है, जहाँ से 3 लाख रुपये से अधिक मूल्य के जेवरात और ₹10,000 नकद की चोरी कर ली गई।
बीमार मां की सेवा में व्यस्त थे परिवार के सदस्य
घटना 17 जुलाई की रात की है। पंकज कुमार महतो ने बताया कि वे अपनी बीमार मां की सेवा में अपनी बहन के साथ लगे हुए थे, जो इसी कार्य हेतु घर आई हुई थी। उसी दौरान चोरों ने सुनियोजित तरीके से बांस के सहारे आंगन में प्रवेश किया और जिस कमरे में परिवार मौजूद था, उसका दरवाजा बाहर से बंद कर दिया।
कमरे का ताला तोड़कर उड़ाए गए कीमती जेवर
इसके बाद चोर दूसरे कमरे में रखी पेटी का ताला तोड़कर उसमें रखे हुए सोने और चांदी के जेवरात और नकद राशि लेकर फरार हो गए। पंकज कुमार महतो के अनुसार चोरी हुए सामान में शामिल हैं:
2 मंगलसूत्र,
झुमके (कान के),
टीका,
नथिया,
सोने की अंगूठी,
20 भरी चांदी की पायल,
हथशंकर,
₹10,000 नकद,
साथ ही उनकी बहन के सभी गहने व व्यक्तिगत सामान।
तीसरी बार बना चोरों का निशाना
पंकज कुमार महतो ने यह भी बताया कि इससे पूर्व उनके घर में दो बार और चोरी हो चुकी है, लेकिन अबकी बार चोरी की मात्रा और तरीका बेहद चिंताजनक है। इस घटना ने उनकी मानसिक शांति को पूरी तरह हिला दिया है।
सिंहवाड़ा पुलिस ने की जांच शुरू
घटना की सूचना मिलते ही सिंहवाड़ा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस द्वारा आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, हालांकि अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
सिंहवाड़ा थाना (दरभंगा ज़िला) बिहार के प्रमुख थानों में से एक है, जो कई संवेदनशील गांवों को कवर करता है। यहां चोरी की लगातार बढ़ती घटनाएं कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं।
बरसात के मौसम में बढ़ रही चोरी की घटनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, बरसात के मौसम में अक्सर लोग रात में खिड़की-दरवाज़े खुले छोड़ देते हैं या सतर्कता में कमी आ जाती है, जिसका लाभ चोर उठाते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में सिंहवाड़ा, भरवाड़ा और जाले इलाके में कई दुकानों और घरों से लाखों की चोरी हो चुकी है।
ग्रामीणों में दहशत, सुरक्षा की मांग
लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से ग्रामीणों और व्यापारियों में भारी आक्रोश और दहशत है। लोगों ने प्रशासन से रात्रि गश्ती बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने, और चोरी की घटनाओं की त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
बिहार पुलिस के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक वारदात की सूचना मिलने के बाद 24 घंटे के अंदर प्राथमिक जाँच अनिवार्य है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पहले की घटनाओं में कोई ठोस परिणाम नहीं आया।
निष्कर्ष: पुलिस पर कार्रवाई का दबाव
यह घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए मानसिक और आर्थिक क्षति है, बल्कि क्षेत्र की कानूनी व्यवस्था पर सवालिया निशान भी छोड़ती है। अगर समय रहते पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई नहीं की गई तो चोरों का मनोबल और बढ़ सकता है।