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11 दिसम्बर, 2024
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Darbhanga News: देखें VIDEO | छठ महापर्व पर “दहशत का साया”, अधवारा नदी में घड़ियालों का झुंड, देखें VIDEO |

हिछौल, सोभेपट्टी, थलवारा मुसहरी के लोग कैसे करेंगे छठ। ग्रामीण छोटे पासवान, रामसागर पासवान, रामाशंकर पसवान, राहुल, रवि की कहीं कोई प्रशासनिक हलक में सुन नहीं रहा। मुखिया कामदेव यादव को जानकारी है। स्थानीय पुलिस भी आई। देखकर लौट गई। सवाल यह है, छठ से पहले पहल होगा या नहीं? सैकड़ों लोग सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे या नहीं? घाट पर छठि मइया का प्रसाद सजेगा या नहीं? केले की सजावट, घाटों की सफाई अब तक डर के साए में हुई नहीं है? होगा भी या नहीं? लोग पूछ रहे, जवाब देगा कोई? शायद नहीं?

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Darbhanga News: देखें VIDEO | छठ महापर्व पर “दहशत का साया”, अधवारा नदी में घड़ियालों का झुंड। अजित कुमार की रिपोर्ट। देखें VIDEO |

खबर में खास: अधवारा समूह की नदी में घड़ियालों की मौजूदगी से छठ व्रतियों में दहशत, प्रशासन की (Shadow of crocodiles on Chhath festival in Darbhanga) अनदेखी पर आक्रोश,

मुख्य बिंदु: कोई ठोस कदम अब तक नहीं, लोग लगा रहे गुहार

  • घड़ियालों की धमक से डर: अधवारा समूह की नदी के किनारे घड़ियालों की चहल-पहल ने ग्रामीणों को डरा दिया है।
  • छठ पूजा में संकट: सैकड़ों व्रती नदी में अर्घ्य देने से डर रहे हैं, खासकर महिलाओं में दहशत बढ़ी है।
  • प्रशासन की लापरवाही: स्थानीय मुखिया ने सूचना देने के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
  • ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल: लोगों का मानना है कि प्रशासन की अनदेखी से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

सबहेड: बच्चों और मवेशियों को नदी किनारे जाने से रोक

  1. घड़ियालों की धमक बढ़ी ग्रामीणों की धड़कनें:
    पिछले कुछ दिनों से अधवारा समूह की नदी में घड़ियालों की मौजूदगी ने ग्रामीणों को डरा दिया है। कई इलाकों में बच्चों और मवेशियों को नदी के किनारे जाने से रोक दिया गया है।
  2. छठ पूजा के दौरान सुरक्षा का संकट:
    छठ महापर्व के अवसर पर सैकड़ों ग्रामीण नदी में उतरकर अर्घ्य देते हैं, लेकिन घड़ियालों की चहल-पहल से इस बार व्रतियों में भय व्याप्त है। महिलाओं में इसे लेकर विशेष डर है।

क्रासर: घड़ियालों की बढ़ती संख्या से छठ पूजा की तैयारियों पर संकट

  • प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना
  • छठ व्रतियों को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है
  • घड़ियालों की बढ़ती संख्या से छठ पूजा की तैयारियों पर संकट

हुक्स: ग्रामीणों को जान-माल का खतरा

  • ग्रामीणों की धड़कनें तेज: नदी किनारे घड़ियालों की धमक ने बढ़ाई व्रतियों की चिंता, महिलाएं छठ पूजा को लेकर भयभीत।
  • प्रशासन की सुस्ती: घड़ियालों की मौजूदगी की सूचना देने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई, ग्रामीणों में रोष।
  • छठ पूजा पर संकट: घड़ियालों के कारण छठ पूजा के लिए अर्घ्य देना बना चुनौती, ग्रामीणों को जान-माल का खतरा।

छठ महापर्व पर घड़ियालों का साया, ग्रामीणों में दहशत

नदी में अर्घ देने से डर रहे ग्रामीण
छठी महापर्व के जश्न के बीच नदी में घड़ियालों के दिखाई देने से दहशत का माहौल है। नदी के किनारे घड़ियालों की चहलकदमी और उनकी संख्या में बढ़ोतरी से लोग अत्यंत भयभीत हैं।
स्थानीय प्रशासन की अनदेखी
ग्रामीणों ने इस समस्या की सूचना स्थानीय मुखिया और प्रशासन को दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है और अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?
कोसी नदी में आए घड़ियाल
ग्रामीणों का कहना है कि ये घड़ियाल कोसी नदी के बाढ़ के दौरान इस क्षेत्र में आ गए हैं और उन्होंने सिरनिया पुल के नीचे पिलर के समीप अपना ठिकाना बना लिया है। इनकी संख्या लगभग एक दर्जन बताई जाती है।
महिलाओं में विशेष डर
छठी महापर्व के दौरान महिलाएं नदी में अर्घ देने जाती हैं, लेकिन घड़ियालों की मौजूदगी के कारण वे अब डरी हुई हैं। उन्हें डर है कि कोई अप्रिय घटना न घट जाए।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाले और उन्हें घड़ियालों के खतरे से मुक्त कराए। खबर पढ़िए विस्तार से

घाट पर कैसे अर्ध देंगे हम, हमें है जान का खतरा

आस्था के महा पर्व छठी मैया के पूजन की तैयारियां जोरों से चल रही है। लेकिन, व्रतियों के जेहन में अपनी सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल है। अबकी बार नदी के घाट पर कैसे अर्ध देंगे हम, हमें है जान का खतरा। अधवारा समूह की नदी के किनारे पर घड़ियाल की धमक और चहल कदमी ग्रामीणों के मन में भय पैदा कर रही।

बच्चों और मवेशियों को भी नदियों में जाने से रोक

पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों ने अपने बच्चों और मवेशियों को भी नदियों में जाने से रोक रखा है।साथ ही साथ नदी के किनारे बच्चों को नहीं जाने देने की जद्दोजहद में लगे हैं। घड़ियाल के झुंड आसपास के किनारो पर देखने से उन में डर का माहौल बना है। इसकी सूचना पर भी स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। स्थानीय मुखिया की माने तो उन्होंने इसकी सूचना ब्लॉक पदाधिकारी और सीओ को दे दी है।

कौन जिम्मेदार होगा! प्रशासन या स्थानीय लोग खुद

सूचना के एक सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होने से लोग डर रहे हैं। उन्हें लग रहा है शायद प्रशासन इसे हल्के में ले रहा है, अगर कोई दुर्घटना होगी, तब कौन जिम्मेदार होगा! प्रशासन या स्थानीय लोग खुद।

कहते हैं ग्रामीण छोटे, रामसागर, रमाशंकर, राहुल और रवि

ग्रामीण छोटे पासवान, रामसागर पासवान, रामाशंकर पसवान, राहुल, रवि आदि ने बताया कि मुखिया कामदेव यादव को इसकी सूचना दी गई। स्थानीय थाने की पुलिस नदी के किनारे पहुंची और देखकर चली गई।

सिरनिया पुल के नीचे पिलर के समीप अक्सर देखा जाता है

ग्रामीणों की माने तो कोसी नदी के बाढ़ मेंआए इस घड़ियालों ने इस क्षेत्र में अपने लिए ठिकाना ढूंढ लिया है। उनकी माने तो सिरनिया पुल के नीचे पिलर के समीप उन्हें अक्सर देखा जाता है, इनकी संख्या एक दर्जन के करीब बताई जाती है।

 हिछौल, सोभेपट्टी, थलवारा, मुसहरी के लोग अब क्या करेंगे?

छोटे पासवान ने बताया कि नदी के दोनों किनारों पर हिछौल, सोभेपट्टी, थलवारा मुसहरी आदि गांव के सैकड़ों व्रत करने वाले नदी में उतरकर संध्याकालीन और प्रातः कालीन अर्ध देते हैं। अबकी बार घड़ियाल की धमक होने से उन्हें नदी में उतरने से डर लग रहा है। महिलाओं में इसको लेकर विशेष डर है कि कोई अप्रिय घटना ना घटे।

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