दरभंगा | – नालसा द्वारा बुजुर्ग बंदियों और गंभीर रूप से बीमार बंदियों को निःशुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बंदियों और किसी भी उम्र के गंभीर रूप से बीमार बंदियों को विधिक सहायता प्रदान की जाएगी।
जिला यूनिट का गठन और निरीक्षण:
इस विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विनोद कुमार तिवारी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री रंजन देव के नेतृत्व में एक जिला यूनिट का गठन किया। जिला यूनिट के सदस्यों ने मंडल कारा का निरीक्षण किया और इस अभियान के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
निःशुल्क विधिक सेवा और जमानत की प्रक्रिया:
रंजन देव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि इस अभियान के तहत, बुजुर्ग बंदियों और गंभीर रूप से बीमार बंदियों को निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान की जाएगी। यह सेवा उन्हें जमानत या रिहाई की सुविधा प्रदान करने के लिए दी जाएगी। संबंधित न्यायालय से उन्हें जमानत या रिहाई की सुविधा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया जाएगा। न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुरूप, बंदियों को जेल से रिहा कर उनके परिवारों के सुपुर्द किया जाएगा, ताकि उनका उचित देखभाल हो सके।
निरीक्षण में शामिल सदस्य:
निरीक्षण के दौरान, जिला यूनिट के सदस्य डिप्टी चीफ लीगल ऐड विरेन्द्र कुमार झा, असिस्टेंट लीगल ऐड अंकुर प्रिया और पिंकू कुमार यादव, साथ ही मंडल कारा अधीक्षक स्नेहलता भी मौजूद थीं।
निष्कर्ष:
यह विशेष अभियान नालसा और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार बंदियों के अधिकारों की रक्षा और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए चलाया गया है, जिससे उन्हें न्याय प्राप्त करने में मदद मिल सके।