विशेष सर्वेक्षण कर्मियों का काला पट्टी से विरोध! 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी। सरकार को अल्टीमेटम! मांगें नहीं मानीं तो 16 अगस्त से काम बंद कर देंगे विशेष सर्वेक्षण कर्मी।काला पट्टी लगाकर विरोध शुरू – 60 साल तक सेवा, पदोन्नति में वरीयता और वेतनमान – इन 5 मांगों पर अड़े सर्वेक्षण कर्मी। सर्वेक्षण कर्मियों ने रखी 5 बड़ी मांगे, नहीं मानीं तो हड़ताल पक्की।दरभंगा में विशेष सर्वेक्षण कर्मियों का गुस्सा फूटा – 14 अगस्त तक चेतावनी, फिर काम बंद। विशेष सर्वेक्षण कर्मियों ने कहा – अब सीधी आर-पार की लड़ाई@केवटी-दरभंगा, देशज टाइम्स।
काला पट्टी लगाकर पांच सूत्री मांगों को लेकर किया विरोध, 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी, केवटी में शुरू हुआ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन
केवटी, देशज टाइम्स। विशेष सर्वेक्षण कर्मियों ने सोमवार से अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर काला पट्टी लगाकर काम करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह विरोध 14 अगस्त 2025 तक जारी रहेगा। इसके बाद यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो 16 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी गई है।
फिर महाअभियान का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरना
इधर – बिहार में विशेष सर्वेक्षण कर्मियों ने सरकार की उपेक्षा और वादाखिलाफी के खिलाफ काला पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध करने का एलान किया है। यह विरोध आज 11 अगस्त 2025 से शुरू होकर 14 अगस्त 2025 तक चलेगा। अगर इस दौरान भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो कर्मी 16 अगस्त 2025 से शुरू हो रहे महाअभियान का बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
कई वर्षों से बिना सरकारी दर्जा और लाभ के काम
दरभंगा के विशेष सर्वेक्षण अमीन सह जिला मीडिया प्रभारी, विशेष सर्वेक्षण संघ, सागर सिंह ने देशज टाइम्स से बातचीत में कहा:
“पिछले कई वर्षों से हम सभी कर्मी पूरे बिहार में विशेष सर्वेक्षण का कार्य पूरी लगन और निष्ठा से कर रहे हैं। इसके बावजूद, सरकार हमें न तो सरकारी कर्मी मानती है, और न ही सरकारी सेवा एवं लाभ प्रदान करती है।”
उन्होंने बताया कि कर्मी समय-समय पर शांतिपूर्ण सत्याग्रह के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाते रहे हैं। वर्ष 2022 और 2023 में हुए सर्वेक्षण बहिष्कार आंदोलन के समय सरकार ने वार्ता की थी और कुछ मांगों पर सहमति भी बनी थी, लेकिन अब तक किसी भी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई।
सरकार पर उपेक्षा का आरोप, कहा-यह दोहरी नीति
सागर सिंह का कहना है कि सरकार की दोहरी नीति से विशेष सर्वेक्षण कर्मी आज भी उपेक्षित हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
आगामी विरोध कार्यक्रम, आज से बहिष्कार तक
11 अगस्त 2025 से 14 अगस्त 2025: सभी कर्मी काला पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 16 अगस्त 2025 से आगे: महाअभियान का बहिष्कार और अनिश्चितकालीन धरना।
प्रमुख मांगों में यह है शामिल
विशेष सर्वेक्षण कर्मियों की मुख्य मांगें हैं: सरकारी कर्मी का दर्जा, सरकारी सुविधाओं और लाभों का प्रावधान, पूर्व में हुई सहमति के बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई।
कर्मचारियों की प्रमुख 5 मांगें
विशेष सर्वेक्षण कर्मियों, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों, सर्वेक्षण कानूनगो, अमीन तथा लिपिकों ने अपनी पांच प्रमुख मांगें इस प्रकार रखी हैं: सेवा अवधि 60 वर्ष तक करने की मांग। पदोन्नति में अनुभव आधारित 5 अंकों की वरीयता देने की व्यवस्था। समतुल्य पदों के अनुरूप वेतनमान प्रदान करना। 7 जुलाई 2022 एवं 21 जनवरी 2023 को हुई सहमति के अनुसार आदेश निर्गत करना। सभी सर्वेक्षण कर्मियों को ईएसआईसी (ESIC) कार्ड उपलब्ध कराना तथा ईपीएफओ (EPFO) में सरकार की ओर से अंशदान सुनिश्चित करना।
विरोध का उद्देश्य, कर्मियों का यह कदम
कर्मचारियों का कहना है कि उनका यह कदम सरकार का ध्यान उनकी लंबित मांगों की ओर आकर्षित करने के लिए है। उनका आरोप है कि कई बार चर्चा और सहमति के बावजूद सरकार ने अब तक इन मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं की है।
संभावित प्रभाव, कई योजनाओं में हो सकती हैं देरी
यदि 16 अगस्त से हड़ताल शुरू होती है, तो विशेष सर्वेक्षण और भूमि बंदोबस्त से जुड़े कार्य प्रभावित हो सकते हैं, जिससे भूमि रजिस्ट्रेशन, माप-जोख, और सरकारी परियोजनाओं में देरी की आशंका है।