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12 दिसम्बर, 2024
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LNMU @Darbhanga | बुद्ध का व्याकरण, अष्टांगिक मार्ग, हर हाल में करेगा मानसिक व्याधि दूर

LNMU, Darbhanga मनोविज्ञान विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य के उपलक्ष्य पर त्रिदिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम ‘युवामनप्रबोधः’ के तहत भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।

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LNMU दरभंगा विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य के उपलक्ष्य पर चल रहे त्रिदिवसीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम ‘युवामनप्रबोधः’ के तहत “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन विभागाध्यक्षिका डॉ. मनसा कुमारी सुल्तानिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

भाषण प्रतियोगिता में व्याकरण की शुद्धि का सबसे ज्यादा महत्व : डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता

बतौर निर्णायक मंडल के सदस्य विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के सह-आचार्य डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि भाषण प्रतियोगिता में व्याकरण की शुद्धि का सबसे ज्यादा महत्व है। इसीलिए छात्र-छात्राओं को भाषा की शुद्धता पर बल देने के साथ-साथ विषय को छोटे-छोटे वाक्य में रखने हेतु प्रेरित किया।

छात्र-छात्रा का बढ़ता आत्मविश्वास, मनोविज्ञान विभाग को देता हूं बधाई

Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times
Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times

विषय प्रस्तुतिकरण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भाषागत व्याकरण की त्रुटियां कम से कम हो। आगे उन्होंने कहा कि भाषण प्रतियोगिता से छात्र-छात्रा का आत्मविश्वास बढ़ता है, ऐसा आयोजन हर विभाग में होना चाहिये। मनोविज्ञान विभाग को मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिये बधाई देता हूँ अंत में उन्होंने छात्र एवं छात्राओं के भाषण को सराहा तथा शुभकामनाएं दी।

व्यक्ति के जीवन में श्रवण, मनन व निदिध्यासन का महत्व : डॉ. संजीत कुमार झा ‘सरस’

बतौर निर्णायक मंडल के सदस्य चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय, दरभंगा के संस्कृत विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संजीत कुमार झा ‘सरस’ ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में श्रवण, मनन एवं निदिध्यासन का महत्व बढ़ने से अच्छे वक्तृत्व कला का विकास किया जा सकता है। मन व्यक्ति को विषय के प्रति आकर्षित करता है परन्तु उसको नियंत्रित रखने की आवश्यकता होती है, नहीं तो वह मनुष्य को समाप्त तक कर सकता है।

श्रीकृष्ण ने इन तत्वों का दिया है उपदेश

गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी सब तत्वों का उपदेश दिया है, जिसका अध्ययन करने से मनुष्य सुख में न तो उद्विग्न होता है और न दुःख में अत्यधिक दुःखी। इन दोनों परिस्थितियों में समान स्थिति रखनेवाला व्यक्ति ही स्थितधी या स्थितप्रज्ञ कहलाता है।

बुद्ध के विचारों को आत्मसात् करने का आह्वान : डॉ. अमिताभ कुमार

बतौर निर्णायक मंडल के सदस्य इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमिताभ कुमार ने प्रतिभागियों के भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया तथा मानसिक स्वास्थ्य की प्रासंगिकता पर बल देते हुए भगवान बुद्ध के विचारों को आत्मसात् करने का आह्वान किया।

Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times
Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times

उन्होंने बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग से मानसिक व्याधि के निदान को रेखांकित किया। इस समारोह में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और विषय के प्रति अपने अपने विचार व्यक्त किए।

9 अक्टूबर को ‘ Mental Health in Youth ’ शीर्षक वेबिनार का आयोजन

ज्ञातव्य हो कि मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक जागरूकता कार्यक्रम युवामनप्रबोध के तहत कल क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का समापन-सह-पारितोषिक कार्यक्रम कल 09 अक्टूबर 2024 को ‘युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य’ शीर्षक वेबिनार के साथ किया जाएगा।

मंच संचालन मिथिला विश्वविद्यालय के उप-खेल पदाधिकारी सह-आयोजन सचिव अमृत कुमार झा ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन विभाग के वरीय शिक्षक डॉ. अनीस अहमद ने किया।

इस अवसर पर विभाग के आचार्य डॉ. ध्रुव कुमार, डॉ. मो. ज्या हैदर, प्रेम कुमार प्रसाद तथा अमन कुमार मिश्रा मौजूद थे। निर्णायक मंडल का स्वागत विभागाध्यक्षिका डॉ. मनसा कुमारी सुल्तानिया ने पौधे दे कर किया।

Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times
Speech competition was organized on the occasion of World Mental Health Day at LNMU, Darbhanga | Photo : Deshaj Times
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