दरभंगा, मकर संक्रांति के मौके पर बाजारों में तिलकुट, चूड़ा, गुड़ और मुरही की लाई की जबरदस्त मांग देखी जा रही है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, बाजारों में रौनक बढ़ गई है। जगह-जगह अस्थायी दुकानें सज चुकी हैं, जहां तिल और गुड़ की सोंधी खुशबू से माहौल महक रहा है।
प्रमुख बाजार और तिलकुट की वेरायटी
- बाजारों की रौनक: लहेरियासराय टावर, दरभंगा टावर, शिवधारा चौक, दोनार, लक्ष्मीसागर समेत कई इलाकों में तिलकुट और चूड़ा की दुकानें लगाई गई हैं।
- वेरायटी और कारीगर: चंपारण, मगध, गया, भागलपुर और अन्य क्षेत्रों से आए कारीगर चार प्रकार के तिलकुट बना रहे हैं, जिनमें गुड़, चीनी और शुगर-फ्री वेरायटी शामिल हैं।
शुगर-फ्री तिलकुट की डिमांड
- विशेष वेरायटी: शुगर के मरीजों को ध्यान में रखते हुए शुगर-फ्री तिलकुट बनाया जा रहा है।
- ब्रांडेड तिलकुट: बाजार में ब्रांडेड तिलकुट भी विभिन्न आकर्षक पैक में उपलब्ध हैं, जो ग्राहकों को खासा पसंद आ रहे हैं।
कारोबारियों की तैयारी और मकर संक्रांति की तैयारी
- तिलकुट विक्रेता: गया के शंकर दास और भागलपुर के जितेंद्र महतो जैसे कारोबारी, हर साल मकर संक्रांति पर दरभंगा आकर अपने उत्पाद बेचते हैं।
- खास तैयारी: मकर संक्रांति से एक सप्ताह पहले से ही बाजारों में रौनक और बिक्री तेज हो गई है।
चूड़ा और गुड़ के दाम में बढ़ोतरी
- कीमतें:
- बासमती चूड़ा: 80-110 रुपये प्रति किलो
- उसना चूड़ा: 40-48 रुपये प्रति किलो
- गुड़: 50-55 रुपये प्रति किलो
- कारोबार पर असर: चंपारण के आलोक सिंह ने बताया कि गांवों में धान की कुटाई बढ़ने से शहरों में चूड़ा के कारोबार पर हल्का असर पड़ा है।
तिलकुट और लाई की कीमतें
प्रकार | कीमत प्रति किलो (रुपये) |
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गुड़ का तिलकुट | 250-750 |
चीनी का तिलकुट | 250-800 |
चूड़ा का लाई | 100-120 |
मुरही का लाई | 100-120 |
तिल का तिलकुट | 250-300 |
ब्रांडेड तिलकुट | 350-550 |
मकर संक्रांति की परंपरा और उत्साह
मकर संक्रांति पर तिलकुट, चूड़ा और गुड़ का सेवन पारंपरिक परंपरा है। ठंड के इस मौसम में ये खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। बाजारों की रौनक और ग्राहकों का उत्साह इस पर्व की महत्ता को और भी बढ़ा रहा है।