

जाले। लोकतंत्र के महापर्व में हर वर्ग का उत्साह झलकता दिखा। दोघरा बुनियादी विद्यालय स्थित मतदान केन्द्र संख्या 71 पर लक्ष्मण पूर्वे के दिव्यांग पुत्र अरविंद पूर्वे ने पहली बार मतदान किया। वह अपने परिजनों के साथ मतदान केंद्र पहुंचे और कहा कि वह विकास के पक्षधर हैं।
दिव्यांग मतदाता अरविंद का उत्साह
पहली बार मतदान करने पहुंचे दिव्यांग अरविंद पूर्वे ने कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक की आवाज महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने मतदान को अपने अधिकार और जिम्मेदारी दोनों बताया।
युवाओं में दिखा पहला मतदान का जोश
मतदान केन्द्र संख्या 246 पर भारतेन्दु भारद्वाज और उनकी बहन माधवी रानी ने पहली बार मतदान किया। दोनों चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा कि
“पहला वोट देना गर्व का क्षण है और इससे देश की दिशा तय होती है।”
विदेश से लौटे दिग्विजय ने भी किया मतदान
उसी मतदान केंद्र पर आयरलैंड में डेयरी इंजीनियरिंग में शोध कर रहे छात्र दिग्विजय भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि “विदेश में रहकर समझ आया कि भारत में मतदान कितना शक्तिशाली अधिकार है।”
वृद्ध मतदाता की प्रेरक भागीदारी
मतदान केन्द्र संख्या 247 पर वृद्ध महिला जेवरी देवी भी मतदान के लिए पहुंचीं। उम्रदराज होने के बावजूद उन्होंने कहा कि
“जब तक हाथ में ताकत है, वोट जरूर देंगे।”
दिव्यांग, युवा और वृद्ध — सभी वर्गों की सहभागिता ने लोकतंत्र के इस उत्सव को और जीवंत बना दिया।








