
23वें दिन भी हड़ताल जारी! बेनीपुर में सरकारी कामकाज ठप्प, लोग परेशान। बिहार में लिपिकों की हड़ताल ने मचाया हाहाकार! 23 दिन से जनता भटक रही दफ्तर-दफ्तर। बेनीपुर में 10 सूत्री मांगों पर अड़े कर्मचारी, हड़ताल से ठप्प पड़ा पूरा सिस्टम। 9 अगस्त से हड़ताल पर कर्मचारी – अब 23वें दिन भी नहीं टूटा हौसला। चुनाव कार्य और राजस्व अभियान में ही व्यस्त अधिकारी, बाकी कामकाज ठप्प!सरकारी दफ्तरों के ताले पड़े! बेनीपुर में 23 दिन से हड़ताल से जनता बेहाल। जब तक लिखित आश्वासन नहीं, हड़ताल जारी रहेगी – कर्मचारी नेताओं का ऐलान@सतीश चंद्र झा, बेनीपुर-दरभंगा देशज टाइम्स।
बेनीपुर में 23वें दिन भी जारी रहा अनुसचिवयीय कर्मचारी संघ का हड़ताल, ठप पड़े सरकारी काम
बेनीपुर (दरभंगा), देशज टाइम्स। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर चल रहा बिहार राज्य अनुसचिवयीय कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को लगातार 23वें दिन भी जारी रहा। इस लंबे आंदोलन की वजह से अनुमंडल, प्रखंड और अंचल कार्यालयों सहित अन्य सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है।
सरकारी कामकाज पूरी तरह बाधित
हड़ताल के चलते लोगों को अपने जरूरी कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई लोग राजस्व संबंधित कार्य, निबंधन (Registration) और प्रमाण पत्र (Certificates) के लिए कार्यालय पहुँचे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
कार्यालयों में बैठे पदाधिकारी इस दौरान केवल चुनाव कार्य और राजस्व महा अभियान से संबंधित कामों में व्यस्त दिखे, जबकि आम जनता से जुड़े काम पूरी तरह ठप हो गए।
9 अगस्त से चल रहा है हड़ताल
गौरतलब है कि बिहार राज्य अनुसचिवयीय कर्मचारी संघ (Clerical Association) ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर 9 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी। संघ की यह हड़ताल अब लगातार 23वें दिन पर पहुंच चुकी है।
इस आंदोलन का सबसे बड़ा असर सामान्य प्रशासन, राजस्व कार्य, अनुमंडल स्तर की सेवाओं और जन-कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ा है।
संघ की प्रमुख मांगें
कर्मचारी संघ की ओर से उठाई गई 10 सूत्री मांगों में मुख्य रूप से शामिल हैं –लिपिकीय संवर्ग (Clerical Cadre) के पदों का सोपान (Hierarchy) तय किया जाए।ग्रेड पे (Grade Pay) का नया निर्धारण किया जाए। लंबित पदोन्नति (Promotion) की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। सेवा शर्तों में सुधार लाया जाए। काम के बोझ और कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाए। संघ का कहना है कि जब तक इन मांगों पर सरकार की ओर से लिखित आश्वासन नहीं दिया जाएगा, तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
संघ पदाधिकारियों का बयान
इस संबंध में बेनीपुर अनुमंडल अध्यक्ष अमरीश झा और सचिव जय हिंद ने कहा कि कर्मचारियों की स्थिति बेहद खराब है। सरकार ने बार-बार आश्वासन दिए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा –
“जब तक सरकार लिखित रूप से हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं देती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।”
जनता को हो रही परेशानी
हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। प्रमाण पत्र (Certificates) के लिए आवेदन करने वाले छात्र और युवाओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। भूमि विवाद और नामांतरण (Land Mutation) जैसे मामलों में काम रुका हुआ है। कई लोग जो छोटे-मोटे काम के लिए रोज़ाना कार्यालय जाते थे, अब भटकते नजर आ रहे हैं।
सरकार की चुनौती
राज्य सरकार के लिए यह स्थिति बड़ी चुनौती बन चुकी है। लगातार कामकाज ठप रहने से जनता में असंतोष फैल रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले दिनों में यह हड़ताल और बड़ा रूप ले सकती है।