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25 नवम्बर, 2024
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Darbhanga-Sitamarhi रेल खंड के देउरा बंधौली स्टेशन पर कोई सिग्नल सिस्टम ही नहीं, यूं हीं पटरियों पर दौड़ती हैं ट्रेनें, कभी हो सकता है बड़ा हादसा, मगर… परवाह ही नहीं किसी को…

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देशज टाइम्स फोटो कैप्शन से जानिए खबर की गंभीरता को। मगर, रेलवे के इतने बड़े साम्राज्य के पास इतना भी फुर्सत कहां कि तनिक झांक कर भी देखे। मगर सोचिए, और देशज टाइम्स की तस्वीर पर गौर फरमाइए…अगर अभी आ जाए पटरी पर कोई ट्रेन तो क्या होगा… : दरभंगा सीतामढ़ी रेल खंड के देउरा बंधौली स्टेशन के निकट गुमती नंबर 25 के रेल पटरी में फंसा ट्रक, बहुत कुछ कहता है। भले या बालासोर वाली दुर्घटना का अंदेशा नहीं है। मगर, जो अंदेशा और आशंका है वह भयानक है।

जाले, देशज टाइम्स। रेल विभाग ने रेल फाटक मरम्मती कार्य में लापरवाही बरतने से आम आवाम के लिए मुसीबत बन गया है। दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड के रेल फाटक संख्या 25 के मरम्मत के नाम पर उखाड़ी गई स्लैब एवम ईंट जानलेवा साबित हो रहा है।

इस रेल फाटक से गुजरने वाले वाहनों को रेल लाइन में फंसने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। देउरा-बंधौली रेल हॉल्ट स्टेशन से सटे पूरब रेल फाटक संख्या 25 को एक पखवाड़ा पूर्व से मरम्मत करने के नाम पर रेल विभाग के कर्मियों ने रेल लाइन के अगल- बगल के साथ-साथ लाइन के नीचे लगे स्लैब को उखाड़ कर अलग कर दिया है।

वहीं, रेल लाइन के नीचे अस्थाई स्लैब लगाकर छोड़ दिया गया है। उखाड़े गए स्लैब को यत्र-तत्र फैला दिया गया है। इससे इस फाटक से गुजरने वाले दो पहिया वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो दर्जनों लोग घायल होकर इलाजरत हैं।

वहीं, रेलवे हॉल्ट स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को इस रेल सम फाटक को पार करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेल फाटक होकर जाले मुख्यालय जाने का मुख्य मार्ग होने के साथ दर्जनों गांवों को यह मुख्य मार्ग जोड़ती है।

इस रास्ते से आने-जाने वाले चार चक्का वाहन उक्त स्थल पर फंस जाने से लोग मुसीबत में पड़ रहे हैं। यह सिलसिला पिछले एक पखवाड़ा से जारी है।

देउरा-बंधौली हॉल्ट स्टेशन के प्रबंधक मो. जफर इमाम ने देशज टाइम्स को बताया कि फाटक के जमीन की मरम्मत को आए रेल विभाग के कर्मियों ने समपार फाटक में लगे सभी स्लैब को निकालकर अलग कर दिया है।

वहीं, रेल लाइन के नीचे सीमेंट का अस्थाई पिलर लगा दिया है। इससे रेल लाइन सतह से डेढ़ दो फीट ऊंचा हो गया है। इस कारण फाटक पार करते समय चार-चक्का वाहनों का चक्का खुले रेल लाइन में फंस जाने से घंटों मशक्कत के बाद निकाला जाता है।

देउरा-बंधौली हॉल्ट स्टेशन के प्रबंधक मो. जफर इमाम ने देशज टाइम्स को बतायाहमें डर इस बात की है कि अगर यात्री रेल सवारी गाड़ी या मालगाड़ी लाइन में फंसें वाहन के समय आ जाने से भीषण हादसा हो सकता है। बताते चलें, इस देउरा-बंधौली हाल्ट में कोई सिग्नल सिस्टम की व्यवस्था नहीं है। इस स्टेशन से रेल परिचालन के लिए झंडा एवम रात्रि बत्ती दिखाकर ही रेल सेवा संधारण किया जाता है।

 

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लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

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