सरकारी पहल शुरू है। समाधान निकलेगा। ट्रैफिक संकट से निजात मिलेंगी। भविष्य ही नहीं महज अठारह महीनें में सुविधा ऐसी हमारी आशा और समस्या-समाधान की उत्सुकता वहां पहुंची है जहां से पटना से दरभंगा तक जाम की झंझट खत्म होने वाली है ! सरकार ने इसके लिए 2.50 मिलियन डॉलर की योजना बनाई है।@पढ़िए देशज टाइम्स की यह रिपोर्ट।
बिहार के 10 प्रमुख शहरों में ट्रैफिक सर्वे शुरू: नीतीश सरकार का बड़ा कदम
बिहार में शुरू होगा सबसे आधुनिक ट्रैफिक सर्वे, फ्लाईओवर और बायपास की बनेगी मास्टर प्लान| 73% टू-व्हीलर और देश में दूसरा सबसे ज्यादा एक्सीडेंट – अब बदलेगा बिहार का ट्रैफिक सिस्टम|सावधान! भागलपुर, पूर्णिया, आरा और मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक सर्वे शुरू – आएगा बड़ा बदलाव|अब बिहार में नहीं लगेगा घंटों का ट्रैफिक जाम! सर्वे के जरिए होगा स्थायी समाधान@पढ़िए देशज टाइम्स की यह रिपोर्ट।
BSRDC निकालेगा बड़ा समाधान
बिहार सरकार ने शहरी जाम से निजात दिलाने के लिए उठाया वैज्ञानिक कदम
देशज टाइम्स कंटेंट डेस्क रिपोर्ट। बिहार में बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने एक महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BSRDC) ने राज्य के 10 प्रमुख शहरों में ट्रैफिक जाम के कारणों का वैज्ञानिक विश्लेषण कराने का निर्णय लिया है।
किन शहरों में होगा ट्रैफिक सर्वे?
भागलपुर, पूर्णिया, आरा, छपरा, दरभंगा, गया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना और वैशाली को इस सर्वे में शामिल किया गया है। इन शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन जाम के कारण ईंधन की बर्बादी, समय की हानि, और पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
कंसल्टेंसी एजेंसी करेगी विश्लेषण
इस कार्य के लिए BSRDC एक प्रोफेशनल कंसल्टेंसी एजेंसी को नियुक्त करेगा, जो 18 महीनों के अंदर वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी। सर्वे में निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत, सड़क चौड़ीकरण और जंक्शन सुधार, बायपास/फ्लाईओवर निर्माण, पार्किंग और पैदल यात्री की सुविधा, ऑटो रिक्शा स्टैंड और बस डिपो की स्थिति, ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित और सुरक्षित आवागमन की योजना शामिल है।
2.5 मिलियन डॉलर का बजट तय
इस सर्वेक्षण के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹21 करोड़) का बजट तय किया गया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से ई-ऑक्शन के माध्यम से EOI (Expression of Interest) आमंत्रित किए गए हैं।
आवेदन की अंतिम तिथि: 26 अगस्त 2025 है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। कंसल्टेंसी मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) के पंजीकृत फर्म ही आवेदन कर सकते हैं।
भागलपुर, पटना और दरभंगा में हालात बदतर
भागलपुर के स्टेशन चौक, तिलकामांझी, नाथनगर जैसे क्षेत्र और पटना के दानापुर-नेहरू पथ, गोला रोड, और जेपी गंगा पथ में सड़कों की संकीर्णता, अव्यवस्थित ट्रैफिक, और जलभराव जाम का मुख्य कारण हैं।
दरभंगा, मोतिहारी, और पूर्णिया जैसे क्षेत्रों में बढ़ते शहरीकरण और वाहनों की संख्या से ट्रैफिक पर दबाव काफी अधिक है।
पर्यावरण के अनुकूल समाधान पर भी ध्यान
सर्वे के दौरान ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे पर्यावरण-अनुकूल साधनों को बढ़ावा देने के उपायों को भी शामिल किया जाएगा। सुरक्षित आवागमन, ईंधन की बचत, और पर्यावरण सुरक्षा जैसे कारकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बिहार बन सकता है पहला राज्य जो वैज्ञानिक ऑडिट लागू करे
ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर बिहार में यह अब तक की सबसे बड़ी और सुनियोजित योजना है। यदि इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया, तो बिहार भारत का पहला राज्य बन सकता है जो वैज्ञानिक ट्रैफिक ऑडिट प्रणाली अपनाएगा।
बिहार में दोपहिया वाहनों की संख्या राष्ट्रीय औसत (73%) से अधिक है। सड़क हादसों में भी बिहार का देश में दूसरा स्थान है। यह पहल राज्य में सड़क सुरक्षा और स्मार्ट सिटी विकास को नई दिशा दे सकती है।
अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, और नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार
बीएसआरडीसीएल की यह पहल बिहार के 10 प्रमुख शहरी क्षेत्रों में टिकाऊ, प्रभावी और पर्यावरण-संवेदनशील ट्रैफिक प्रबंधन के नए युग की शुरुआत करेगी। यह न केवल यातायात दबाव को कम करेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, और नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार लाएगा।