दरभंगा से बड़ी खबर! शिक्षा विभाग के तबादला आदेश का नहीं हो रहा पालन…7 मई को डीईओ ने चार बीआरसी लेखा सहायकों का तबादला किया, लेकिन सभी अब भी पुराने पद पर…मामला कई प्रखंडों से जुड़ा है। पुष्टि भी हुई है।
दरभंगा में संविदा लेखा सहायक का तबादला आदेश अधर में, हनुमाननगर में नहीं हुआ योगदान
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश के बावजूद अनुपालन शून्य, प्रशासनिक लापरवाही उजागर…। ऐसे में खबर की शुरूआत एक सवाल के साथ-क्या शिक्षा व्यवस्था में आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित है?दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट।
डीईओ दरभंगा के आदेश की अनदेखी, बीईओ को कर्मचारियों को विरमित करने का निर्देश
दरभंगा, देशज टाइम्स — हनुमाननगर प्रखंड से एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही की खबर सामने आई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) दरभंगा द्वारा संविदा पर कार्यरत चार लेखा सहायक सह डाटा एंट्री ऑपरेटरों का स्थानांतरण आदेश 7 मई को जारी किया गया था, लेकिन अब तक किसी ने नए स्थान पर योगदान नहीं दिया है।
किनका हुआ स्थानांतरण और कहां?
जानकारी जो मिली है उसके स्थानांतरण आदेश के अनुसार जयकुमार चौधरी – बहेड़ी से तारडीह, राहुल कुमार – हनुमाननगर से बेनीपुर, विजय कुमार भगत – तारडीह से बहेड़ी, सुजीत कुमार झा – कुशेश्वरस्थान से हनुमाननगर। इन सभी को तत्काल प्रभाव से नए स्थान पर योगदान देने का निर्देश दिया गया था। लेकिन सभी अभी भी अपने पुराने पदस्थापन स्थल पर ही कार्यरत हैं।
शिकायतों के बाद किया गया निर्णय
सूत्रों के अनुसार, जयकुमार और राहुल कुमार के खिलाफ शिकायतें राज्य परियोजना निदेशक, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को भेजी गई थीं। इसी के आधार पर डीईओ दरभंगा ने स्थानांतरण आदेश जारी किया। साथ ही, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, कुशेश्वरस्थान में कार्यरत लेखा सहायक को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में बीआरसी कुशेश्वरस्थान का लेखा कार्य भी देखने का निर्देश दिया गया है।
हनुमाननगर में योगदान नहीं देने की पुष्टि
इस संबंध में हनुमाननगर के प्रभारी बीईओ सह सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी मोहन कुमार ने बताया कि
“कुशेश्वरस्थान से स्थानांतरित लेखा सहायक ने हनुमाननगर में अब तक योगदान नहीं दिया है, इसलिए यहां के कर्मचारी को अभी विरमित नहीं किया गया है। यह बात वरीय अधिकारियों के संज्ञान में है।”
प्रशासनिक ढिलाई पर सवाल
स्थानांतरण आदेशों की अनदेखी से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। आदेशों की अवहेलना से स्पष्ट है कि नीचे से लेकर ऊपर तक जवाबदेही सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। अब देखना है कि जिला प्रशासन कब तक अनुपालन सुनिश्चित करता है और कार्रवाई करता है।