दरभंगा | जिले के जाले नगर परिषद क्षेत्र के अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति लंबे समय से बद से बदतर बनी हुई है। इसी स्थिति को सुधारने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में बीपीएससी (BPSC) पास योग्य शिक्षकों की पदस्थापना की गई है।
निरीक्षण के दौरान सामने आई हकीकत
सोमवार को वार्ड संख्या 9 स्थित प्राथमिक कन्या मखतब का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि भवन की कमी के कारण यहां नामांकित छात्र-छात्राओं की तुलना में उपस्थिति बेहद कम रहती है।
नये हेड शिक्षक की जिम्मेदारी
इस विद्यालय में हाल ही में हेड शिक्षक के रूप में चन्द्रभूषण मिश्र की पदस्थापना हुई है।
चन्द्रभूषण मिश्र पूर्व में मध्य विद्यालय रतनपुर में प्राथमिक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे।
उनकी मेहनत और शिक्षण शैली का नतीजा यह रहा कि रतनपुर विद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल परीक्षा (BSEB) में 90 से 100 अंक तक प्राप्त किए, खासकर गणित विषय में।
हेड शिक्षक ने Deshaj Times को बताया कि यहां कुल 165 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, जबकि सोमवार को 89 छात्र उपस्थित पाए गए।
उपस्थिति का विवरण
कक्षा 1 : 22 नामांकित, 14 उपस्थित
कक्षा 2 : 30 नामांकित, 22 उपस्थित
कक्षा 3 : 37 नामांकित, 20 उपस्थित
कक्षा 4 : 43 नामांकित, 17 उपस्थित
कक्षा 5 : 33 नामांकित, 16 उपस्थित
यह आंकड़े बताते हैं कि कक्षाओं में धीरे-धीरे उपस्थिति बढ़ रही है, लेकिन अभी भी नामांकन और उपस्थिति में बड़ा अंतर है।
जर्जर भवन और अव्यवस्था
छह कमरों वाले इस विद्यालय में तीन कमरे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
विद्यालय का संचालन केवल दो कमरों में किया जा रहा है।
इनमें से एक कक्ष को कार्यालय के रूप में उपयोग किया जाता है।
नतीजतन, शेष दो कमरों में ही पाँच वर्गों की पढ़ाई एक साथ कराई जाती है।
यह स्थिति न सिर्फ शिक्षकों के लिए चुनौतीपूर्ण है बल्कि छात्रों की पढ़ाई पर भी असर डाल रही है।
शिक्षकों की स्थिति
विद्यालय में कुल छह शिक्षक पदस्थापित हैं।
इनमें से दो शिक्षक बीएलओ (Booth Level Officer) की ड्यूटी पर लगे हुए हैं।
हेड शिक्षक ने बताया कि विद्यालय में एक भी पंजी (Register) मौजूद नहीं था, जिसे अब व्यवस्थित किया जा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पदस्थापना को अभी एक माह भी पूरा नहीं हुआ है, इसलिए कार्य व्यवस्था सुधारने में थोड़ा समय लगेगा।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
जाले क्षेत्र के कई विद्यालयों की यही स्थिति है।
भवन की कमी
शिक्षक की अनुपलब्धता
पंजी और दस्तावेजों की अव्यवस्था
इन समस्याओं के कारण बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
शिक्षा सुधार की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार और प्रशासन बुनियादी ढांचे (Infrastructure) पर ध्यान दें और नियमित शिक्षक उपस्थिति सुनिश्चित करें तो बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकता है।
नये शिक्षकों की नियुक्ति
जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण
डिजिटल शिक्षा साधनों का समावेश
ये कदम जाले के विद्यालयों की तस्वीर बदल सकते हैं।
सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
जाले नगर परिषद क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों को उजागर करती है।
नये हेड शिक्षक चन्द्रभूषण मिश्र जैसे योग्य और अनुभवी शिक्षकों की नियुक्ति से सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
लेकिन जब तक भवन, संसाधन और शिक्षकों की कमी दूर नहीं की जाएगी, तब तक छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती रहेगी।