दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो प्रमुख। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति ने हिंदी विभाग के सहायक विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार को समस्तीपुर जिला स्थानांतरित कर दिया है। इस बाबत लनामिवि के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष ने समस्तीपुर जिला के एलके वीडी कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।
“देशज टाइम्स” ने इस मामले पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इस आलोक में कार्रवाई हुई है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. अखिलेश ने अपनी सारी मर्यादाओ की हदें को पार कर दी थी। कोई एक दो घटना नहीं, उनकी कई शिकायतें रोज हवा में तैरती नजर आती थी। लिखित शिकायत भी की जाती थी। लेकिन, कार्रवाई नदारद था। अब सवाल उठता था कि कार्रवाई करेगा तो कौन? उनके ऊपर दर्जनों छात्राएं नित्य प्रतिदिन आरोप लगा रही थीं।
उन पर कार्रवाई नहीं होने का कारण बताते हुए लोग हवाला देते थे कि इनके दो ऐसे आंका हैं जो सरकार के उच्च पदों पर बैठे हैं। जातीय समीकरण होने की वजह से इनका जुड़ाव और लगाव भी इन आंकाओं से है। फिर कार्रवाई कौन और कैसे करेगा! लेकिन विश्वविद्यालय के रजिस्टार मुश्ताक अहमद ने कहा था कि इस मामले में टीम गठित हुई है। जांचोंप्रांत
कार्रवाई होगी। यह बात सच निकली। विश्वविद्यालय प्रशासन ने देशज टाइम्स में खबर छपते ही कार्रवाई कर दी है। डॉ. अखिलेश कुमार की विदाई यहां से हो गई है।हिंदी विभाग के अध्यक्ष राजेंद्र साह ने इस बाबत विवि प्रशासन को 29 जुलाई को 22 को पत्र के माध्यम से कहा था कि डॉ. अखिलेश का निंदनीय आचरण, उनका रवैया, साथ ही उनकी हरकत किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस बात का पता विभाग के सारे लोगों को है जो पता लगाया जा सकता है। उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि किसी भी शिक्षक का धर्म उसकी मर्यादा तब तक बचा रहता है जब तक उसका आचरण बढ़िया है।
शिक्षक का दुर्व्यवहार, झूठ फरेब, उसकी मायाजाल, घोर खड्यन्त्रकारी व्यक्ति के आचरण में लिप्त हो तो शैक्षणिक दृष्टिकोण से भी घातक है। विश्वविद्यालय के लिए भी बदनामी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विवि के लिए इससे बड़ा अपमान हो नहीं सकता।
सूत्रों का कहना था कि कई छात्राओं ने शिक्षक डॉ. अखिलेश कुमार पर आरोप लगाया था कि वह छात्राओं के मोबाइल पर देर रात फोन कर अश्लील बातें करते हैं। टार्चर करते हैं। कई छात्राओं का आरोप था कि दबाव देकर अपने कार्यालय बुलाकर अश्लील हरकत करते हैं। इस कारण कई छात्राओं ने विवि आना बंद कर दिया था।
छात्राओं का कहना था कि जब विवि नहीं आते हैं तो देर रात फोन कर प्रलोभन देते थे कि तुम्हें हर सेमेस्टर में पास करा देंगे ,लेक्चर बनवा देंगे आदि आदि उसके बाद अश्लील बातें करते रहते थे। विभागाध्यक्ष श्री साह ने कई छात्रों के पत्र को सलन्ग्न करते हुए विवि प्रशासन को पत्र लिखा था। इन शिकायतों के बाद कई छात्र संगठन भी शिक्षक के विरुद्ध आंदोलन का रूप ले लिया था जो विवि के लिए ठीक नहीं था। अंततः डॉ. अखिलेश के आंका उनके काम नहीं आए और उनकी विदाई हो गई।
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