
बिहार बंद में दरभंगा में खून-खराबा! दुकानदार और बेटे को बीच सड़क पर चाकू मारकर किया घायल। दरभंगा में बिहार बंद का आतंक! दुकानदार ने टायर जलाने से रोका तो चाकू से गोद डाला। बंद समर्थकों और दुकानदार में भिड़ंत!@प्रभास रंजन, देशज टाइम्स दरभंगा।
दुकानदार ने कहा- जानता हूं किसने चाकू मारा
बेटे संग चाकू घोंपे जाने से दहला दरभंगा। बिहार बंद के दौरान दरभंगा में दुकानदार पर जानलेवा हमला! बेटे संग डीएमसीएच पहुंचे घायल अवस्था में। दुकानदार ने कहा- जानता हूं किसने चाकू मारा, फिर भी केस दर्ज नहीं! दरभंगा में चर्चा तेज़-पुलिस बोली- आवेदन देंगे तभी होगी कार्रवाई। बिहार बंद में हिंसा बेकाबू! दरभंगा में दुकानदार और बेटा लहूलुहान, लोग बोले- हमला करने वाला बंद समर्थक नहीं
Highlights) बेलवागंज में बंद के दौरान हिंसा
दरभंगा के बेलवागंज में बंद के दौरान हिंसा। दुकानदार और उसके बेटे को चाकू मारकर घायल किया गया। पीड़ित ने थाने में मामला दर्ज नहीं कराया। पुलिस ने कहा – आवेदन मिलने पर होगी कार्रवाई।
बिहार बंद के दौरान दरभंगा में बवाल: दुकानदार और बेटे को बेलवागंज मोहल्ले में चाकू मारा
दरभंगा, देशज टाइम्स। एनडीए द्वारा आयोजित 5 घंटे के बिहार बंद के दौरान दरभंगा के लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बेलवा गंज मोहल्ला में हिंसा की घटना सामने आई। बंद समर्थकों और एक दुकानदार के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हुई, जिसमें दुकानदार और उनके पुत्र को चाकू मारकर घायल कर दिया गया। दोनों का इलाज डीएमसीएच में कराया गया।
कैसे हुई वारदात क्या है पृष्ठभूमि
घटना बेलवा गंज मुख्य सड़क पर हुई, जहां बंद समर्थक टायर जलाकर सड़क जाम कर रहे थे। दुकानदार पिंटू कुमार ने इसका विरोध किया और टायर जलाने से मना किया।
इस पर विवाद बढ़ गया और बंद समर्थकों ने मारपीट कर दी। इसी दौरान किसी व्यक्ति ने पिंटू कुमार और उनके पुत्र रोहन कुमार को चाकू मार दिया। दोनों को तुरंत डीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद घर भेज दिया गया।
थाने में शिकायत दर्ज नहीं
घटना के बाद दुकानदार पिंटू कुमार थाने पहुंचे, लेकिन उन्होंने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि पुलिस सूचना पर मौके पर गई थी, लेकिन वहां कोई मौजूद नहीं था। अब तक किसी तरह का आवेदन नहीं मिला है। यदि पीड़ित आवेदन देंगे तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बंद समर्थकों का पक्ष
बंद समर्थकों का कहना है कि चाकूबाजी की घटना को अंजाम देने वाला व्यक्ति बंद में शामिल नहीं था। उनका दावा है कि यह घटना व्यक्तिगत विवाद के कारण हुई।
बिहार बंद का असर
बंद के दौरान दुकानें पूरी तरह बंद रही। जगह-जगह टायर जलाए गए और बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम किया गया। वाहनों का परिचालन ठप रहा और लोग परेशान हुए।