सतीश चंद्र झा, बेनीपुर दरभंगा देशज टाइम्स। पानी के बिना पस्त बेनीपुर! बेनीपुर में जल संकट! सरकारी दफ्तरों तक में नहीं मिल रहा पीने का पानी। चापाकल बने मवेशी बांधने का खूंटा, लोग प्यासे भटक रहे – बेनीपुर में बड़ा जल संकट। बेनीपुर में हाहाकार!
जलमीनार और चापाकल बने शोपीस, विभाग चुप
हजारों लोग दफ्तर आते हैं, पर एक गिलास पानी तक नहीं। जनता प्यास से बेहाल, विभाग फोन तक नहीं उठा रहा – बेनीपुर में गहराया जल संकट। पानी के बिना पस्त बेनीपुर! जलमीनार और चापाकल बने शोपीस, विभाग चुप।
5 हजार लोग रोज भटकते हैं एक बूंद पानी के लिए
बेनीपुर में 5 हजार लोग रोज आते हैं सरकारी दफ्तर, पर पानी के लिए भटकते। अधिकारियों को बार-बार पत्र, फिर भी नहीं सुधरा विभाग – बेनीपुर की जनता परेशान
बेनीपुर में जल संकट गहराया, सरकारी कार्यालयों तक पेयजल नहीं, जलमिनार और चापाकल अब शोभा की वस्तु
बेनीपुर, देशज टाइम्स। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल की कथित लापरवाही के कारण प्रखंड और नगर परिषद क्षेत्र में एक बार फिर जल संकट गहराने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों की जल नल योजना तकनीकी खराबी के कारण अनुपयोगी हो चुकी है। वहीं, पहले से लगे बड़े-बड़े जलमिनार और चापाकल अब केवल मवेशी बांधने के खूंटे के रूप में काम आ रहे हैं।
सरकारी कार्यालयों में पानी का अभाव
बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत प्रखंड, अंचल, मनरेगा, बुनियाद केंद्र, कृषि विभाग, अनुमंडल कार्यालय, अनुमंडल आरक्षी कार्यालय, बाल विकास परियोजना कार्यालय, न्यायालय, एएनएम और जीएनएम महाविद्यालय समेत दर्जनों सरकारी कार्यालय स्थित हैं। लेकिन इन कार्यालयों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
पहले लगाए गए चापाकल अनुपयोगी हो गए हैं और व्यक्तिगत रूप से लगाए गए समर्सिबल केवल शौचालय तक सीमित हैं। कई कार्यालयों में स्थानीय जलापूर्ति व्यवसायियों से डब्बे का पानी मंगाया जाता है, जबकि आम लोग दिनभर पानी के लिए भटकते रहते हैं।
प्रतिदिन हजारों लोगों की आवाजाही
बेनीपुर अनुमंडल से लेकर प्रखंड परिषद तक रोजाना 5 से 10 हजार लोग विभिन्न कार्यों से पहुंचते हैं। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद उन्हें एक गिलास पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं हो पाता।
प्रशासनिक उदासीनता
प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी ने कई बार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को पुराने चापाकल की मरम्मत और नए चापाकल लगाने की मांग की।
विभाग ने लगातार इसे कर रहा अनसुना
इसके बावजूद विभाग ने लगातार इसे अनसुना कर दिया। जानकारी लेने पर कनीय अभियंता और सहायक अभियंता का मोबाइल ऑफ मिला। वहीं, कार्यपालक अभियंता विकास कुमार ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के पत्र पर चर्चा करते हुए सहायक अभियंता और कनीय अभियंता को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है।