बेनीपुर, देशज टाइम्स ब्यूरो। कई वर्षों से अनुमंडल क्षेत्र में फर्जी नर्सिंग होम का संचालन धड़ल्ले से जारी है। इसका मुख्य संरक्षक स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी की संलिप्तता स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।
इसका नमूना स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता आशीष रंजन दास उर्फ बीपी सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की है। गत कई वर्षों से लोक शिकायत निवारण कार्यालय से लेकर चिकित्सा पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन से लेकर डीएम तक से शिकायत होती आ रही है।
लेकिन हर बार जांच के नाम पर कागजी खानापूरी के सिवाय धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं पड़ती । फलत: धड़ल्ले से बेरोक-टोक अवैध नर्सिंग होम का संचालन होता रहा है। जहां, ग्रामीण क्षेत्र के भोले भाले अनपढ़ गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर बलि का बकरा बनाया जाता है।
इसमें स्वास्थ्य महकमे के कर्मियों से लेकर पदाधिकारी एवं प्रशासनिक पदाधिकारी की भी संलिप्तता उजागर हो रही है । 2 माह पूर्व ही इन कथित फर्जी नर्सिंग होम को बंद कर कार्रवाई का निर्देश जिला सिविल सर्जन ने दिया था । लेकिन उक्त पत्र आज भी फाइलों में दबकर धूल फांक रही है।
पिछले दिनों उक्त सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में सिविल सर्जन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि बेनीपुर अनुमंडल में मात्र दो निबंधित नर्सिंग होम संचालित है। साथ ही उन्होंने बेनीपुर अनुमंडल क्षेत्र में प्रभारी भूमि सुधार उप समाहर्ता के नेतृत्व में धाबा दल गठित किया था।
जिस धावा दल में वर्तमान चिकित्सा प्रभारी डॉ. अर्चना स्नेही भी शामिल थी । उन्होंने जांच प्रतिवेदन में विगत 6 अप्रैल को अपने पत्रांक 271 के माध्यम से सिविल सर्जन को सूचित किया था कि बेनीपुर में 4-5 नर्सिंग होम फर्जी ढंग से संचालित हो रही है। जो न तो निबंधत है और ना ही नर्सिंग होम अधिनियम का अनुपालन कर रही है।
उक्त आलोक में सिविल सर्जन ने पिछले 30 मई को अपने पत्रांक 1605 के माध्यम से धाबा दल के प्रमुख प्रभारी भूमि सुधार उप समाहर्ता सहित प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ,अनुमंडल पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक एवं जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर अनुमंडल क्षेत्र के जय बजरंग हॉस्पिटल, ईरा हॉस्पिटल ,जय साई हॉस्पिटल एवं बी आर मेमोरियल हॉस्पिटल को बंद कर कार्रवाई का अनुरोध किया था।
लेकिन, वह पत्र सभी पदाधिकारियों के फाइलों में धूल फांक रही है। और बेरोकटोक फर्जी नर्सिंग होम का धंधा जारी है ।जहां गांव के गरीब मरीजों को झोलाछाप चिकित्सकों की ओर से लूटा जा रहा है। और यह लूट जारी रहेगी ही क्यों नहीं जब इसके बंद करने वाले कर्ताधर्ता की ही संलिप्तता हो तो फिर इसे रोकेगा कौन?