आखिर क्यों सस्पेंड हुए Darbhanga के DEO और DPO, अब, Darbhanga पर क्या पड़ेगा असर? जहां, दरभंगा में शिक्षा विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों का निलंबन सनसनी है। वित्तीय अनियमितता और कर्तव्य में लापरवाही के बीच अब दरभंगा के प्रशासनिक महकमे पर इसका क्या असर पड़ेगा। जानिए क्या बता रहे, एक्सपर्ट
सुबोध कुमार चौधरी के निर्देश पर यह कार्रवाई
दरभंगा जिले के शिक्षा विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को वित्तीय अनियमितता और कर्तव्य में लापरवाही के गंभीर आरोपों में निलंबित कर दिया गया है। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) और अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
निलंबित अधिकारी:
- समर बहादुर सिंह – जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ)
- रवि कुमार – जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा और समग्र शिक्षा
आरोप:
इन दोनों अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
- वित्तीय अनियमितता: बैंच, डेस्क, सबमर्सिबल पंप, फैब्रिकेटेड भवन निर्माण, व्हीलचेयर का क्रय, और भवन मरम्मत में बड़े पैमाने पर अवैध उगाही।
- टी आर ई (Teacher Recruitment Examination) के अभ्यर्थियों से अवैध उगाही। दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने टीआरई के काउंसलिंग में भ्रष्टाचार किया और अवैध उगाही की।
- विद्यालय में पठन-पाठन में बाधा डालना: दरभंगा में स्थित एम एल अकेडमी उच्च विद्यालय में समानांतर जिला शिक्षा कार्यालय और परीक्षा शाखा का संचालन किया गया, जिससे विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित हुआ।
जांच और निलंबन:
- बिहार सरकार के आदेश पर दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त के सचिव और क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक द्वारा मामले की जांच की गई।
- जांच रिपोर्ट के आधार पर, आरोपों को प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया और दोनों अधिकारियों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया।
निलंबन के बाद की कार्रवाई:
- दोनों अधिकारियों का मुख्यालय अब जन शिक्षा निदेशालय, विकास भवन, नया सचिवालय, पटना में निर्धारित किया गया है।
- इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जाएगी।
- निलंबन अवधि में अधिकारियों को जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा, जो उनके निलंबन अवधि में निर्धारित मुख्यालय से जारी किया जाएगा।
समाजसेवी त्रिभुवन कुमार कहते हैं, जिसका केंद्र कुशेश्वरस्थान के मध्य विद्यालय चिगड़ी है
यह कार्रवाई बिहार शिक्षा विभाग के लिए एक अहम कदम है, जिससे विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जहां, समाजसेवी त्रिभुवन कुमार और अन्य स्थानीय नेताओं की ओर से दिए गए बयान से यह स्पष्ट होता है कि दरभंगा जिले में शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ एक लंबे समय से संघर्ष चल रहा है, जिसका केंद्र कुशेश्वरस्थान के मध्य विद्यालय चिगड़ी है। इन आरोपों के बाद भी अधिकारियों की ओर से उचित कार्रवाई न होने से स्थानीय समाजसेवियों और छात्र नेताओं में निराशा और आक्रोश है।
स्थानीय अधिकारियों की ओर से बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद, भ्रष्टाचार
त्रिभुवन कुमार ने कहा कि जब न्याय के दरवाजे पर अन्याय अपना चरम सीमा तक पहुंच जाता है, तो वह अंततः समाप्त हो जाता है। दरभंगा के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ संघर्ष करते हुए उन्होंने यह महसूस किया कि स्थानीय अधिकारियों की ओर से बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद, भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण दिया गया, जिससे मामला अब तक अनसुलझा है।
समाजसेवी त्रिभुवन कुमार कहते हैं, यह अंत होना ही था
समाजसेवी त्रिभुवन कुमार कहते हैं, न्याय के दरबार में अन्याय चरम सीमा पर हो तो अन्याय का अंत सुरक्षित है। दरभंगा जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ भी वही हुआ। क्योंकि, दरभंगा के कुशेश्वरस्थान मध्य विद्यालय चिगड़ी में गबन और भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले ग्यारह महीना से संघर्ष कर रहे हैं। बाबजूद, प्रखंड से लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय तक न जांच की गई न ही न्याय मिल सका। कई बार दरभंगा जिला अधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया, इसके बाबजूद ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं, अवैध व भ्रष्टाचार करने वालों को पूर्ण संरक्षण दिया गया।
आरटीआई एक्टिविस्ट विनोद कुमार ने भी कहा
आरटीआई एक्टिविस्ट विनोद कुमार ने भी कहा कि यदि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाते तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने प्रशासन से अपेक्षाएं जताई कि वे भ्रष्टाचार और गबन के मामलों की निष्पक्ष जांच करें।
छात्रनेता दिलखुश कुमार ने कहा
छात्रनेता दिलखुश कुमार ने आगामी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से उम्मीद जताई कि वे कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के चिगड़ी विद्यालय और अन्य प्रखंडों से आए आवेदन की सही जांच करें और न्याय प्रदान करें।
समाजसेवी सुशील कुमार ने यह भी कहा
समाजसेवी सुशील कुमार ने यह भी कहा कि अन्याय के खिलाफ उनकी टीम का संघर्ष जारी रहेगा और वे आगे भी न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
छात्रनेता रूपेश कुमार, समाजसेवी मुकेश कुमार पौद्दार
यह संघर्ष अब सिर्फ स्थानीय मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक आंदोलन बनता जा रहा है। छात्रनेता रूपेश कुमार, समाजसेवी मुकेश कुमार पौद्दार और अन्य लोगों ने यह कसम खाई है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे।
दरभंगा में शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार और गबन के खिलाफ आंदोलन अब
इस बयान से यह साफ़ होता है कि दरभंगा में शिक्षा विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार और गबन के खिलाफ आंदोलन अब तेज हो चुका है और स्थानीय समाजसेवी, छात्र नेता तथा आरटीआई कार्यकर्ता मिलकर इसका विरोध कर रहे हैं।